वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ह्युंडै मोटर इंडिया ने भारत से निर्यात के 25 साल पूरे कर लिए हैं। अब कंपनी दक्षिण कोरिया के बाद भारत को निर्यात का सबसे बड़ा केंद्र बनाना चाहती है और उसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में निर्यात में 7 से 8 फीसदी की वृद्धि का है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। फिलहाल, कंपनी भारत से यात्री वाहनों की सबसे बड़ी निर्यातक है और उसकी कुल बिक्री में निर्यात की 21 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि उद्योग का औसत 15 फीसदी है।
वित्त वर्ष 2025 में सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, चिली और पेरू संख्या के लिहाज से ह्युंडै इंडिया के सबसे बड़े निर्यात बाजारों के तौर पर उभरे थे। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में कुल मिलाकर 1,63,386 गाड़ियों का निर्यात किया था।
ह्युंडै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक उन्सू किम ने कहा, ‘हाल के महीनों में निर्यात ने गति पकड़ी है और हमारा लक्ष्य इस वृद्धि को बरकरार रखने का है। वित्त वर्ष 2026 में हम निर्यात संख्या में करीब 7 से 8 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं और इसे उभरते बाजारों में हमारे मॉडलों की मजबूत मांग से बल मिलेगा।’ उल्लेखनीय है कि कंपनी ने चेन्नई बंदरगाह से साल 1999 में निर्यात शुरू किया था और अब तक चेन्नई के बंदरगाह से ह्युंडै ने भारत में बने 37 लाख से अधिक यात्री वाहनों का निर्यात किया है।
पिछले 25 वर्षों में चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण के साथ रणनीतिक सहमति के जरिये ह्युंडै इंडिया ने 150 से अधिक देशों को यात्री वाहनों का निर्यात किया है। कंपनी फिलहाल अपने नौ खास मॉडलों को 60 से अधिक देशों को निर्यात करती है जिनमें ह्युंडै क्रेटा, क्रेटा इलेक्ट्रिक, अल्काजार, एक्सटर, वेन्यू, ऑरा, वेरना, ग्रैंड आई10 नियोस और आई20 शामिल हैं।