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Business Standard Manthan 2024: वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत को मिलेगा लाभ, अश्विनी वैष्णव ने दिया बयान

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 6जी से लेकर AI के उभार को देखते हुए तकनीक क्षेत्र के लिए सरकार की एकमात्र रणनीति भारत को एक वैश्विक चिंतक के रूप में अगुआई करने वाला बनाना है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- March 27, 2024 | 11:08 PM IST

केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी, संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड के मंथन कार्यक्रम में कहा कि अगले 6-7 सालों में 750 अरब डॉलर का वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग का आकार दोगुना हो जाएगा और भारत इसका भरपूर लाभ उठाने की स्थिति में है।

उन्होंने कहा कि भारत के पक्ष में अच्छी बात यह है कि यहां कार्यबल की कमी नहीं है और स्वच्छ ऊर्जा तक बेहतर पहुंच के अलावा एक उभरता हुआ रसायन निर्माण तंत्र भी है।

मंत्री ने कहा, ‘एक 1 लाख करोड़ डॉलर के उद्योग में 9 लाख से अधिक प्रतिभाशाली पेशेवर की जरूरत होगी। सेमीकंडक्टर उद्योग के एक-तिहाई से अधिक प्रतिभाशाली लोग भारत में है। किसी नए चिप की कल्पना से लेकर उसे डिजाइन करने के साथ-साथ पूरा वैल्यू चेन भारत में है।’

उन्होंने कहा, ‘हमने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा कदम बढ़ाया है। हमारे देश के प्रति व्यक्ति आय के स्तर को देखते हुए दुनिया हैरान होती है कि हम 42 फीसदी ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी है। गुजरात के दाहेज में हमारे यहां एक बड़ा केमिकल विनिर्माण तंत्र है। दुनिया में कुछ ही देश हैं जिन्हें इस तरह का प्रतिस्पर्द्धात्मक लाभ है।’

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की महत्वकांक्षाओं को वैश्विक उद्योग से समर्थन मिलता है।

उन्होंने कहा, ‘मैंने 45 अलग-अलग वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की है। प्रत्येक ने कहा कि उनका अगला स्वभाविक गंतव्य भारत होगा। उन्होंने कहा कि बाकी दुनिया की चुनौतियों को देखते हुए भारत की ओर कदम बढ़ाना ही होगा।’

वैष्णव ने कहा कि कि आलोचकों ने हमेशा कहा कि भारत को दूसरे दक्षिण पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्था का अनुसरण करने के बजाय सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए और विनिर्माण क्षमताओं पर जोर देना चाहिए। वैष्णव ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश के लिए कभी भी किसी एक को चुनने का सवाल नहीं होता है या फिर ये कि क्या कुछ किया जा सकता है।

इसी वजह से देश ने एक चिप फैब्रिकेशन संयंत्र की स्थापना के लिए पहला कदम बढ़ा दिया है और सरकार का मानना है कि भारत को चिप डिजाइनिंग और विनिर्माण के बीच अंतर नहीं करना चाहिए। वैष्णव ने मार्च की शुरुआत में कहा था कि देश का पहला बड़ा चिप फैब्रिकेशन संयंत्र गुजरात के ढोलेरा में टाटा के द्वारा स्थापित किया जा रहा है और दिसंबर 2026 में यहां चिप बनने की शुरुआत हो जाएगी। गुजरात के साणंद और असम के मोरीगांव में दो अन्य संयंत्र सेमीकंडक्टर को असेंबल कर सकते हैं।

वैष्णव ने बताया कि उनके कार्यकाल का सबसे संतोषजनक पहलू ढोलेरा में भारत का पहला चिप फैब्रिकेशन संयंत्र स्थापित करना रहा है। लेकिन इसका मतलब यह है कि विनिर्माण क्षेत्र पर जोर तकनीकी सेवाओं की कीमत पर दिया जा रहा है। वैष्णव का कहना था कि सरकार का जोर दोनों ही क्षेत्रों पर है।

उन्होंने कहा, ‘हम वैश्विक सक्षमता केंद्र (जीसीसी) के लिए एक नीतिगत फ्रेमवर्क तैयार करेंगे जिसे यहां स्थापित किया जाएगा।’ साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार का पूरा जोर विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र पर है और इन दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार के अपार मौके हैं।

उन्होंने घरेलू विनिर्माण से जुड़ी नीति पर जोर दिए जाने की बात का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के अलगे कार्यकाल में इस क्षेत्र पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा।

मंत्री ने कहा, ‘भारत उत्पाद तैयार करने वाला देश बनेगा और ये कई उत्पाद जटिल तकनीकी क्षेत्र से जुड़े होंगे और इसका प्रभाव देश के हर नागरिक के जीवन पर पड़ेगा। आज देश में करीब 3 करोड़ लोगों को विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार मिलता है लेकिन अगले 5 वर्षों में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी।’

उन्होंने कहा कि भारत में डिजाइन किए हुए और यहां बने हुए टेलीकॉम रेडियो उपकरण अब अमेरिका और यूरोप में लगाए जा रहे हैं।

लेनी होगी जिम्मेदारी

दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ वैश्विक नियामकीय कार्रवाई के बढ़ते मामले को देखते हुए मंत्री ने कहा कि बड़ी तकनीकी कंपनियां और विशेष रूप से सोशल मीडिया मंच जिस परिप्रेक्ष्य में काम करते हैं, उसमें बदलाव आया है।

वैष्णव ने कहा, ‘जैसे आपका अखबार इस बात का ध्यान रखता है कि कोई फर्जी खबर प्रकाशित न हो, उसी तरह की जिम्मेदारी सोशल मीडिया मंचों को भी लेनी होगी। इसको लेकर वैश्विक स्तर पर सहमति बन रही है।’

मंत्री ने कहा, ‘पिछले दो-ढाई साल में मैं जितने संचार और डिजिटल मंत्रियों से मिला हूं सभी ने अपने समाज पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर चिंता जताई है। अमेरिका ने बच्चों के लिए सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाया है। यह सब निश्चित रूप से होगा।’

वैष्णव ने कहा कि 6जी से लेकर आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के उभार को देखते हुए तकनीक क्षेत्र के लिए सरकार की एकमात्र रणनीति भारत को एक वैश्विक चिंतक के रूप में अगुआई करने वाला बनाना है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने चार तत्वों पर आधारित पूरी डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया है। उन्होंने कहा, ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 का प्रभाव सभी क्षेत्रों पर पड़ता है। इसका इस्तेमाल वित्तीय सेवाओं से लेकर स्वास्थ्य सेवा सभी क्षेत्र में किया जा सकता है।

दूसरा दूरसंचार है। यह सभी चीजों के डिजिटल होने का प्रमुख माध्यम है। इसी वजह से यह अनिवार्य है कि हम 1885 के कानून से आगे बढ़े और आज की जरूरत के हिसाब से तैयार किए जाने वाले कानून पर जोर दें।

उन्होंने कहा, ‘प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अधिनियम इस फ्रेमवर्क का तीसरा पहलू है और हम इस पर काम कर रहे हैं। चुनाव खत्म होने के बाद हम इस पर परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।’

अगर सरकार को तीसरा कार्यकाल मिलता है तब पिछले 10 सालों में सरकार के बुनियादी कार्यों के बदौलत विकसित भारत 2047 की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे जो एक विकसित देश बनाने के लिए भारत में बदलाव लाने की महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास अगले 25 सालों का रोडमैप है।’

First Published : March 27, 2024 | 11:08 PM IST