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आय दोगुना करना चाह रही भगवती प्रोडक्ट्स

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल देश में बिकने वाले 33 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन का करीब 99 फीसदी भारत में ही बनता है।

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गुलवीन औलख   
Last Updated- April 17, 2025 | 10:31 PM IST

भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने केंद्र सरकार से मोबाइल विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को साल 2026-27 से आगे बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि चूंकि इस योजना के कारण ही भारत मोबाइल फोन के विनिर्माण का ठिकाना बना और साथ ही साथ निर्यात केंद्र के तौर पर स्थापित हुआ है। मोबाइल फोन ब्रांड माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक भारतीय उद्यमी ने कहा कि इस योजना को भारी सफलता मिली है और अमेरिकी सरकार के शुल्क पर स्थगन से भारत को लाभ मिल सकता है।

शर्मा ने कहा, ‘देश को मिली सफलता के मद्देनजर मुझे लगता है कि निश्चित तौर पर इस योजना की समयसीमा बढ़ाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि इस योजना के कारण ही बीते कुछ वर्षों में देश में उत्पादन के स्तर पर वृद्धि देखने को मिली है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल देश में बिकने वाले 33 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन का करीब 99 फीसदी भारत में ही बनता है। ऐपल और सैमसंग भारत से स्मार्टफोन के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक हैं और वित्त वर्ष 2025 में उनका निर्यात करीब दो लाख करोड़ रुपये था। चीनी मूल डिजाइन विनिर्माता हुआकिन के साथ संयुक्त उद्यम बनाने वाली भगवती प्रोडक्ट्स अब वीवो और ओपो के लिए उपकरण बनाती है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 में मोबाइल फोन विनिर्माण से अपनी आय दोगुनी कर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक करने की योजना बना रही है। बीते वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का राजस्व 6,200 करोड़ रुपये था। कंपनी ने बीते साल ग्रेटर नोएडा में वीवो की एक विनिर्माण इकाई का अधिग्रहण किया था, क्योंकि चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता को भारतीय साझेदार की तलाश कर रही थी। शर्मा ने पुष्टि की कि ओपो के कुछ स्मार्टफोन मॉडल भी इसी संयंत्र से बनाए जा रहे थे और इस साल इस तरह के कई और ब्रांड सूची में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का राजस्व 620 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा, ‘हम हर महीने 1,000 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद कर रहे हैं। हम एक अमेरिकी ब्रांड साथ ला रहे हैं और उनके साथ बातचीत चल रही है।’

कंपनी अपनी विनिर्माण संयंत्रों के विस्तार पर 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी और नए स्थानों की तलाश भी करेगी क्योंकि उसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में फोन उत्पादन को वित्त वर्ष 25 के मौजूदा 70 लाख के स्तर से तीन गुना बढ़ाकर 2.5 करोड़ तक करने का है। कंपनी भिवाड़ी, हैदराबाद और ग्रेटर नोएडा में फोन और टैबलेट बनाती है।

First Published : April 17, 2025 | 10:25 PM IST