प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अधिकारियों का कहना है कि चीन ने फॉक्सकॉन में काम कर रहे अपने इंजीनियरों को वापस बुला लिया है मगर भारत सरकार को इसके कारण ऐपल इंडिया की आईफोन (नए नवेले आईफोन 17 समेत) बनाने की योजनाओं में बाधा आने की अधिक चिंता नहीं है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय अभी हालात पर नजर रख रहा है और उसे यकीन है कि ऐपल आपात स्थिति के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा जल्द ही करेगी तथा हालात से निपटने में कामयाब भी रहेगी। अधिकारी ने कहा, ‘ऐपल दूसरे देशों से इंजीनियर तथा प्रशिक्षण देने वाले पेशेवर जुटा रही है। उत्पादन के लक्ष्यों पर हमारी नजर रहेगी मगर यह हमारी चिंता नहीं है। ऐपल इसे संभाल लेगी।’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आईफोन बनाने वाली ऐपल ने सरकार के साथ बातचीत में भरोसा दिलाया है कि इन हालात से वह खास परेशानी के बगैर ही निपट लेगी। उसने यह भी कहा कि इससे भारत में फोन बनाने की उसकी योजनाओं में अड़चन नहीं आएगी।
अधिकारी ने कहा, ‘फॉक्सकॉन के चीनी कर्मचारियों को हमने ऐपल के अनुरोध पर वीजा दिया था। अब अगर कर्मचारी वापस जाना चाहते हैं और यह उनके और कंपनियों (ऐपल तथा फॉक्सकॉन) के बीच की बात है। ऐपल को देखना है कि उसके आपूर्तिकर्ताओं का काम कैसे चलता रहे।
उपरोक्त अधिकारियों में से एक के मुताबिक कुछ समय के लिए बाधा आने की आशंका के बावजूद सरकार मानती है कि इससे भारतीय कंपनियों को स्थानीय क्षमता बढ़ाने का अवसर मिला है। अधिकारी ने कहा, ‘हमें स्थानीय क्षमता तैयार करनी होगी ताकि कामकाज संभाला जा सके। यह हमारे लिए मौका है।’
इससे पहले बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी एक खबर में कहा गया था कि फॉक्सकॉन ने भारत में आईफोन 17 बनाने की वैकल्पिक योजना पहले ही तैयार कर ली थी, जिसके तहत वह ताइवान और अमेरिका से विशेषज्ञ ला रही है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक ऐपल और फॉक्सकॉन को 4-5 महीने से पता था कि चीन अपने इंजीनियर वापस बुला सकता है।
उद्योग जगत के विशेषज्ञ मानते हैं कि पश्चिमी तकनीकी कंपनियां अपना विनिर्माण चीन से बाहर ले जाने की कोशिश कर रही हैं। चीन इस तरह के कदम उठाकर उनकी कोशिशों को नाकाम करना चाहता है। इसे भारत और चीन के बीच चल रही राजनयिक समस्याओं से भी जोड़ा जा रहा है। चीन के अधिकारियों ने उन जरूरी मशीनों के निर्यात पर पहले ही रोक लगाई थी, जो आईफोन 17 बनाने में काम आनी थीं। यह फोन इस साल सितंबर में बाजार में आएगा।
फिलहाल भारत में आईफोन की असेंबली मुख्य रूप से फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स कर रही हैं। तमिलनाडु में चेन्नई के निकट श्रीपेरंबुदूर में फॉक्सकॉन का बड़ा कारखाना है। कंपनी की योजना कर्नाटक में देवनहल्ली से भी फोन असेंबल कराने की है। फिलहाल दक्षिण भारत में कंपनी के करीब 40,000 कर्मचारी हैं। जुलाई में कंपनी 1,000 नए कर्मचारी भर्ती कर सकती है। कर्नाटक में टाटा का भी एक कारखाना है, जो उसने पेगाट्रान से खरीदा है। तमिलनाडु के होसुर में भी उसका एक संयंत्र है।