कर्जधारक कंपनियों की तरफ से बढ़ता असहयोग
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सात क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को बैंक से आवंटित ऋणों की रेटिंग (गुणवत्ता आधारित मूल्यांकन) करने अनुमति दी है। इन रेटिंग एजेंसियों को बेसल 2 मानकों के अनुरूप आवंटित ऋ ण का मूल्यांकन करने के बाद रेटिंग देने की हिदायत दी गई है। बेसल दिशानिर्देशों में कहा गया है कि क्रेडिट […]
विदेशी मुद्रा भंडार का कैसे हो इस्तेमाल
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत से 160 अरब डॉलर से अधिक बढ़ चुका है और इस समय करीब 640 अरब डॉलर है। अगर यही रुझान बना रहा तो भारत के पास जल्द ही 700 अरब डॉलर से अधिक का भंडार हो सकता है। साफ तौर पर देश 1990 के दशक […]
ब्रोकरों के नेटवर्थ में होगा इजाफा
बाजार नियामक सेबी ने शेयर ब्रोकरों के नेटवर्थ की दरकार में कई गुना इजाफे का प्रस्ताव रखा है। यह कदम ब्रोकरों की तरफ से हुए डिफॉल्ट व क्लाइंटों की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग की घटना के बाद देखने को मिल रहा है। अभी ब्रोकरों के लिए नेटवर्थ की दरकार हर सेगमेंट में अलग-अलग है। उदाहरण के […]
सरकारी बैंकों ने की दूसरे कर्ज पुनर्गठन की मांग
कोविड महामारी की बढ़ती गंभीरता और आर्थिक प्रभाव को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक दूसरी बार कर्ज पुनर्गठन की अनुमति चाह रहे हैं। पिछले साल भी कोविड की वजह से कर्ज पुनर्गठन की मंजूरी दी गई थी ताकि किस्त का भुगतान नहीं करने वाले खातों डिफॉल्ट की श्रेणी में न आ सकें। कोविड महामारी […]
सरकार ने यह तय किया है कि ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) के अनुपूरक के रूप में सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए ‘पहले से तैयार’ निस्तारण प्रक्रिया की आवश्यकता है और उसने इसके लिए एक अध्यादेश भी पेश कर दिया है। कहा जा रहा है कि एमएसएमई क्षेत्र पर महामारी के […]
सरकार ने ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) के निलंबन की अवधि बुधवार को समाप्त होने के बाद उसे न बढ़ाकर अच्छा किया है। इससे इस संहिता का सामान्य कामकाज शुरू हो सकेगा। कोविड-19 के चलते कारोबारी ऋणशोधन अक्षमता निस्तारण की प्रक्रिया को मार्च 2020 में छह महीने के लिए निलंबित किया गया था। बाद […]
ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के सबसे बड़े सुधारों में से एक है। इस संहिता का लक्ष्य है बाजार को पूंजी के लिए अधिक लचीला बनाना और उस समस्या को दूर करना जिसे पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने ‘निर्गम समस्या’ कहा था। यह कानून पूंजी के अनिश्चित समय […]
चरणबद्ध तरीके से घटे प्रवर्तकों का हिस्सा
बीएस बातचीत रिजर्व बैंक के आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) ने बैंकों में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके की अनुशंसा की है। समूह के सदस्य सचिन चतुर्वेदी ने एक साक्षात्कार में शुभमय भट्टाचार्य से इन दिशानिर्देशों के बारे में बातचीत की। प्रस्तुत हैं संक्षिप्त अंश: समिति ने निजी बैंकों के स्वामित्व ढांचे […]
बेवजह क्रेडिट स्कोर घटने पर शिकायत दर्ज कराएं
कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) का भुगतान टालने की मियाद (मॉरेटोरियम) 31 अगस्त को समाप्त हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मॉरेटोरियम की सुविधा देते वक्त कहा था कि इस अवधि में भुगतान नहीं करने पर कर्जदाताओं की साख (क्रेडिट स्कोर) पर कोई असर नहीं होगा। केंद्रीय बैंक की इस घोषणा के बाद […]
फ्यूचर फर्म के डिफॉल्ट से फ्रैंकलिन की योजना को झटका
फ्यूचर समूह की इकाई रिवाज ट्रेड वेंचर्स ने कर्ज पुनर्भुगतान में चूक की, जिससे फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्युचुअल फंड की चार योजनाओं पर असर पड़ा। इन चारों योजनाओं में से एक इनकम ऑपरच्युनिटीज फंड का रिवाज ट्रेड वेंचर्स की ऋण प्रतिभूतियों में काफी ज्यादा निवेश है। इसके जरिए योजना का कुल परिसंपत्ति का 6.32 फीसदी निवेश […]