साल के अंत तक टीका निर्यात: सीरम | सोहिनी दास / May 19, 2021 | | | | |
दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) का कहना है कि वह इस वर्ष के अंत तक वैश्विक टीका गठजोड़ कोवैक्स को टीकों की आपूर्ति शुरू कर सकती है। कंपनी देश में कोविड-19 से निपटने के लिए एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के टीके बना रही है। उसने एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि वह भारत को प्राथमिकता दे रही है और उसने कभी भी 'भारत के लोगों की कीमत पर' टीके निर्यात नहीं किए।
कंपनी ने सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर जारी एक संदेश में कहा कि उसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी अमेरिकी कंपनियों की तुलना में दो माह देर से मिली लेकिन इसके बावजूद उसने 20 करोड़ से अधिक खुराक की आपूर्ति की। एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने वक्तव्य में कहा, 'यदि कुल उत्पादित और आपूर्ति की गई खुराक पर नजर डालें तो हम दुनिया में शीर्ष तीन कंपनियों में शामिल हैं। हम निर्माण क्षमता बढ़ाना और भारत को प्राथमिकता देना जारी रखे हुए हैं।'
पूनावाला ने कहा कि उन्हें आशा है कि वर्ष के अंत तक कोवैक्स तथा अन्य देशों को टीकों की आपूर्ति शुरू हो सकेगी। उन्होंने कहा, 'हम दोहराना चाहेंगे कि हमने कभी भारत के लोगों की कीमत पर टीके निर्यात नहीं किए। हम देश में टीकाकरण अभियान के सहयोग के लिए हरसंभव कदम उठाने को प्रतिबद्ध हैं। हम मानवता को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए सरकार के साथ मिलकर अथक तरीके से काम कर रहे हैं और यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहेगा।'
तीसरे चरण में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण शुरू होने के बाद टीकों की कमी को देखते हुए सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। कई राज्यों ने 18 से 44 वर्ग का टीकाकरण फिलहाल रोक दिया है क्योंकि पर्याप्त टीके उपलब्ध नहीं हैं। गत सप्ताह दिल्ली में कोविड टीकों के निर्यात की आलोचना करते हुए पोस्टर पाए जाने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। एसआईआई फिलहाल प्रति माह कोविशील्ड की 6.5 से 7 करोड़ खुराक बना रही है और जुलाई तक उसका इरादा इसे बढ़ाकर एक करोड़ खुराक प्रति माह करने का है।
एसआईआई ने कहा कि जनवरी में एसआईआई के पास टीके की खुराक का बड़ा भंडार था और देश में टीकाकरण अभियान शुरू भी हो चुका था। वक्तव्य में कहा गया, 'उस वक्त रोज सामने आने वाले मामले सबसे निचले स्तर पर थे और स्वास्थ्य विशेषज्ञों समेत अधिकांश लोग मान रहे थे कि भारत महामारी से उबरने में कामयाब हो रहा था। लगभग उसी समय दुनिया के अन्य देशों मेंं संकट गंभीर था और वे मदद चाह रहे थे। ऐसे में हमारी सरकार ने हरसंभव जगह मदद पहुंचाई।'
पूनावाला ने कहा कि विभिन्न देशों के बीच सहयोग तकनीकी और स्वास्थ्य सुविधा सहायता का आधार तैयार करता है। उन्होंने भारत द्वारा अन्य देशों को कोविड के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक गठजोड़ के तहत कंपनी ने कोवैक्स को टीके देने की प्रतिबद्धता जताई है ताकि वह दुनिया से महामारी का खात्मा करने के लिए टीके वितरित कर सके।
एसआईआई ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाले देशों में से एक है और वहां दो-तीन महीनों में टीकाकरण पूरा नहीं हो सकता। कंपनी ने कहा कि पूरी दुनिया में टीकाकरण होने में दो से तीन वर्ष का समय लग सकता है।
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