पिछले साल कोरोना महामारी के सुस्त पडऩे के बाद अर्थव्यवस्था को खोलने पर लक्जरी कारों की जबरदस्त बिक्री देखी गई थी। इसलिए लक्जरी कार कंपनियां इस साल भी ऐसी ही बिक्री की उम्मीद कर रही हैं। कई राज्यों में करीब एक महीने के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो कंपनियां भी लक्जरी कारों को बढ़ावा देने में जुट गई हैं।
भारतीय बाजार में आज दो सुपर लक्जरी कारें उतारी गईं। इनमें मर्सिडीज की मेबाक जीएलएस 600 की एक्स शोरूम कीमत 2.43 करोड़ रुपये है और लैम्बॉर्गिनी ईवो स्पाइडर की कीमत 3.54 करोड़ रुपये रखी गई है। महामारी में लोगों की कमाई और कारोबार को झटका लगा है मगर वहीं लैम्बॉर्गिनी को उम्मीद है कि 2021 में वह भारत में रिकॉर्ड बिक्री करेगी। मर्सिडीज ने कहा कि भारत में इस साल 50 से अधिक मेबाक जीएलएस 600 लाई जानी हैं और बाजार में आने से पहले ही सब बुक हो चुकी हैं। गाड़ी की अगली खेप ग्राहकों की मांग के हिसाब से तैयार की जाएगी और 2022 की पहली तिमाही में उसकी आपूर्ति की जाएगी।
मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी मर्टिन श्वेंक ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि आपस में मुकाबला करने के लिए खरीदारी की वजह से ऐसा है या नहीं मगर भारत सहित दुनिया के कई बाजारों में लोगों के पास अतिरिक्त नकदी हैं क्योंकि उन्होंने यात्रा या खरीदारी आदि पर खर्च नहीं किया है। ऐसे में कई ग्राहकों की वित्तीय क्षमता काफी ज्यादा लगती है।’
बाजार में अपेक्षाकृत कम हिस्सेदारी के बावजूद लक्जरी कार विनिर्माता भारतीय बाजार को लेकर आशान्वित हैं। नाइट फ्रैंक द्वारा फरवरी में जारी वेल्थ रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत में बेहद धनाढ्य लोगों (3 करोड़ डॉलर से अधिक संपत्ति) की संख्या अगले पांच साल में 63 फीसदी बढ़कर 11,198 होने का अनुमान है। अभी इस जमात में 6,884 लोग हैं और 113 अरबपति हैं। भारत में अरबपतियों की संख्या 43 फीसदी बढ़कर 2025 में 162 तक पहुंच सकती है।
लैम्बॉर्गिनी इंडिया के प्रमुख शरद अग्रवाल ने कहा कि सुपर लक्जरी सेगमेंट सपनों और हसरतों का बाजार है। महामारी ने लोगों को बेहतर मकान और कारों के प्रति आकर्षित किया है। उन्होंने कहा, ‘लोग सोचते हैं कि अगर मैं ऐसा कर सकता हूं तो आज ही क्यों न कर लूं? तीन या पांच साल इंतजार क्यों किया जाए?’ इसी सोच की वजह से लक्जरी कारों की बिक्री को बढ़ावा मिल रहा है और कंपनी ने हुराकान ईवो रीयर-व्हील ड्राइव स्पाइडर बाजार में उतारी है।
इस साल कई अन्य लक्जरी कारें भी बाजार में आ सकती हैं। अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि सुपर लक्जरी कार सेगमेंट (2.5 करोड़ रुपये कीमत से शुरू) 2019 के स्तर पर पहुंच सकता है। उस साल ऐसी 265 गाडिय़ां बिकी थीं। इसके साथ ही युवा खरीदार बढऩे से भी कार कंपनियां उत्साहित हैं। मेबाक जीएलएस के कई सारे खरीदार 40 से 45 आयु वर्ग के हैं। कंपनी ने 2011 में भारत में मेबाक ब्रांड उतारा था, जिसके बाद से खरीदारों के आयु वर्ग में यह बड़ी गिरावट आई है।
मर्सिडीज के सभी वाहनों की देश में अच्छी मांग है। श्वेंक ने कहा, ‘हमारी 2021 की उत्पाद रणनीति सही दिशा में चल रही है और हमें मांग और बढऩे की उम्मीद है, खास तौर पर महंगी कारों की। बाजार का रुझान भी सकारात्मक बना हुआ है। आने वाले महीनों में इस श्रेणी में और कारें आ सकती हैं।’
लक्जरी कार सेगमेंट में मर्सिडीज बेंज इंडिया, बीएमडब्ल्यू इंडिया और ऑडी इंडिया की बड़ी हिस्सेदारी है। पिछले साल बिक्री कम होने के बाद तीनों कंपनियों ने बिक्री बढ़ाने के लिए 50 से ज्यादा नए मॉडल लाने की तैयारी की है।