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जरूरत या दिखावे की सवारी?

Last Updated- December 10, 2022 | 7:24 PM IST

जब आपको किसी चीज की किसी खास काम के लिए जरूरत होती है, आप तभी उसे लेते हैं। मतलब किसी भी उत्पाद के लोकप्रिय होने में उसकी जरूरत का सबसे बड़ा योगदान होता है।
लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिसकी एक आम इंसान को कोई जरूरत नहीं है, लेकिन फिर भी वे लोकप्रिय हैं। मिसाल के तौर पर सेगवे को ही ले लीजिए। भला जब आप चल सकते हैं या साइकिल चला सकते हैं, तो इसकी आपको क्या जरूरत महसूस होगी? यह बात एप्पल के आईपॉड पर भी लागू होती है।
जब आप कोई दूसरा एमपी3 प्लेयर सस्ती कीमत में ले सकते हैं, तो इस पर इतनी मोटी रकम खर्च करने का क्या फायदा? लेकिन फिर भी सेगवे और एप्पल आईपॉड, दोनों आज की दुनिया में सुपरहिट हैं। इसके पीछे सिर्फ एक वजह है। असल में लोग हटके दिखना और कुछ करना चाहते हैं।
टाटा मोटर्स की नई जेनॉन एक्सटी भी सेगवे और एप्पल आईपॉड की ही फेहरिस्त में आती है। कम से कम कंपनी का तो यही दावा है। लंबाई के मामले में तो यह ‘लाइफस्टाइल’ पिकअप, टाटा के ट्रक 1612 को भी चुनौती दे सकती है। इसे घुमाने में भी उतनी ही मशक्कत करनी पड़ती है, जितनी एक ऑयल टैंकर को बीच समंदर में घुमाने के लिए करनी पड़ती है।
साथ ही, इसके पिछले हिस्से में सामान रखने के लिए अच्छी-खासी जगह है। उस जगह में तो आप अपने तीन लोगों के परिवार के लिए महीने भर का सामान रख सकते हैं। अब तो यह कंपनी ही आपको बता सकती है कि उसने इतना बड़ा लोड एरिया क्यों दिया है?
अगर आप जेनॉन एक्सटी को खरीदने का इरादा रखते हैं, तो हर नाके पर हैरान परेशान पुलिस वालों का सामना करने के लिए तैयार हो जाइए। आपको अलग दिखने के लिए इस कार में लाखों की एक्ससेरिज लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।  
डिजाइन
इस कार का डिजाइन भी उसी टीम ने बनाया है, जिसके जिम्मे सूमो ग्रैंदे की डिजाइनिंग का काम था। हालांकि, डिजाइन के मामले में कार काफी अच्छी दिखाई देती है। ग्रैंदे का ऊपरी हिस्सा काफी भारी दिखता है, लेकिन इस कार में ब्रिटेन के कॉन्सेप्ट ग्रुप ने काफी मेहनत का है। इसी वजह से तो यह कार काफी हद तक संतुलित दिखाई देती है।
वैसे, डिजाइनिंग कुछ हद तक होल्डन, टोयोटा और निसान से ‘प्रभावित’ दिखाई देती है। इसके बड़े और चौड़े हेडलैम्पों को बोनट और बंपर के साथ काफी चतुराई के साथ डाला गया है। वैसे, इसकी डिजाइनिंग में मौजूद लाइनें कार की सादगी पर धब्बे की तरह लगते हैं।
वैसे, इस कार को देखकर टीएल 434 या फिर टाटा 207 की याद भी बरबस ही चली आती है। टाटा मोटर्स ने काफी चतुराई से जेनॉन को मॉडर्न लुक को दिया है। इसे इतना सिंपल रखा है, ताकि कंपनी बिना ज्यादा मशक्कत किए हुए इस कार को बना सके। टाटा 207 की वशंज होने की वजह से ही इसकी लंबाई इतनी ज्यादा रखी गई है।
करीब 5.25 मीटर लंबी यह कार तो लंबाई के मामले में मर्सिडीज एस क्लास या फिर बीएमडब्ल्यू 7 सीरिज को भी पीछे छोड़ देती है। साथ ही, इसका व्हील बेस तो हुंडई आई10 से भी ज्यादा है। इसके पीछे  दो नैनो को आराम से छुपाया जा सकता है। वैसे, यह कार पीछे से सबसे ज्यादा खूबसूरत लगती है। इसके टेललैम्प, बंपर और टेलगेट सभी अपनी जगह बहुत खूबसूरत लगते हैं।
टोयोटा से प्रभावित होकर कंपनी ने भी इसके टेलगेट पर टाटा का लोगो लगा दिया है। बस कमी है तो यूएन के स्टिकर्स की। वैसे, कंपनी की जबरदस्त निर्यात योजनाओं को देखते हुए इस पर जल्दी ही यूएन के स्टिकर्स भी दिखाई दे सकते हैं।
 
अंदरुनी खूबसूरती
टाटा मोटर्स ने अपनी पहली लाइफस्टाइल पिकअप ऐसे वक्त में लॉन्च की है, जब कंपनी ने अपने वेंडरों को क्वालिटी का पाठ पढ़ाना शुरू ही किया है। शुक्र है, कंपनी इस बीच कड़े प्लास्टिक से थोड़ी सी सही, लेकिन आगे तो बढ़ी है। वैसे, इस कार के भी अंदरूनी हिस्सों में प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। आपको आज भी डैशबोर्ड प्लास्टिक का ही मिलेगा।
हालांकि, हालत टीएल 434 से लाख गुना अच्छी है। इसका एसी काफी अच्छा है। साथ में आपको पॉवर विंडो और पॉवर स्टेरिंग जैसे फीचर भी मिलते हैं। इस कार में पांच लोग बैठ सकते हैं। अगली सीटें काफी आरामदेह और काफी अच्छी तरीके से डिजाइन की गई हैं।
लेकिन दिक्कत आती है बैक सीट में। दिखने में यह बिल्कुल बेंच की तरफ लगती है और बिल्कुल खड़ा बैकरेस्ट कोढ़ में खाज का काम करता है। जेनॉन एक्सटी में भी टीएल 434 के बराबर ही जगह है। इसी वजह से पीछे बैठने वालों के लिए ज्यादा लेगरूम इसमें नहीं है।
प्रदर्शन
अगर आप 2.2 वीटीटी सफारी डाइकोर से अनजान नहीं हैं, तो आपको जानकर खुशी होगी कि जेनॉन एक्सटी में भी उसी इंजन का इस्तेमाल किया गया है। इस इंजन को ऑस्ट्रिया की एवीएल की सलाह के आधार पर बनाया गया है। इसका प्रदर्शन इस कार में भी कोई अलग नहीं है। हालांकि, यह सफारी से पिकअप के मामले में बेहतर है।
आखिरकार यह उससे 180 किलो हल्की जो है। आपको भरोसा नहीं होगा, लेकिन यह सचमुच सफारी से 180 किलो हल्की है। हालांकि, इस कार को 60 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार हासिल करने में टीएल 434 से आधा सेकेंड ज्यादा लगता है, लेकिन चलाने में जेनॉन एक्सटी उससे ज्यादा हल्की लगती है।
वैसे, इस धीमे पिकअप की असल वजह इंजन नहीं, बल्कि इसके पीछे के टायर हैं। इन पर भार तो होता नहीं, इसलिए इनमें अवरोधक डाले गए हैं। हमें टेस्ट ड्राइव के लिए जो कार मिली थी, उसे हमने कई बार तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन हमें कामयाबी नहीं मिली।
हालांकि, इसके बावजूद भी यह 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को सिर्फ 16.5 सेकेंड में हासिल कर लेती है, जो काबिले तारीफ है। 100 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने के लिए मामले में तो यह सफारी को भी पीछे छोड़ देती है। शहरों के लिए भी इसने पूरी तरह से तैयारी कर रखी है। भारी क्लच और केबिन में शोर ही कुछ बातें हैं, जिसे लेकर इस कार की शिकायत की जा सकती है। 
मतवाली चाल
पिकअप्स के साथ एक बहुत बड़ी दिक्कत यह होती है कि उन्हें चलाने का असली मजा तभी आता है, जब पीछे आपने कुछ भारी सामान रखा हो। इस बारे में जेनॉन भी कोई अपवाद नहीं है। अगर कार में सिर्फ पैसेंजर ही हैं, तो जेनॉन काफी भारी लगती है।
साथ ही, उबड़-खाबड़ सड़कों पर भी इसका प्रदर्शन काफी बुरा रहता है। खराब सड़कों पर जबरदस्त झटकों के लिए तैयार रहिए। अच्छे और भारी रबड़ और नए सस्पेंशन के बावजूद भी इस कार में खराब सड़कों पर आप खुद को आराम करता महसूस नहीं कर सकते। पीछे की तरफ थोड़ा भार डाल दीजिए और आपको राहत मिल सकती है। हालांकि राहत पूरी नहीं रहेगी।
 
वैसे, इस कार में हैरत इस बात को देखकर होती है कि इतनी बड़ी होने के बाद भी इसे हैंडल करने में कोई दिक्कत नहीं आती है। हालांकि, इसमें अभी सुधार की जरूरत है। यह पक्की सड़कों पर तो अच्छी चलती ही, धूल भरी सड़कों पर भी इसे चलाने में कोई दिक्कत नहीं आती। हालांकि, यह उन लोगों के लिए है, जो कभी-कभार ही अच्छी सड़कों से नीचे उतरते हैं। 
आखिरी फैसला
‘लाइफस्टाइल’ पिकअप्स भारत के लिए कोई नई चीज नहीं हैं। आज भी आपको सैकड़ों घरों में टीएल 434 और महिंद्रा स्कॉर्पियो गेटवे मिल जाएंगे। हालांकि, जेनॉन इस मुकाबले को अगले चरण तक ले जाती है। लेकिन 8.78 लाख रुपये की कीमत (मुंबई एक्स शोरूम) ज्यादा लगती है। दरअसल, कार में अब भी सुधार की जरूरत है।
वैसे, यह प्रदर्शन और लुक्स में बाकी की दोनों ‘लाइफस्टाइल’ पिकअप्स से काफी बेहतर है। हालांकि मुझे आज की तारीख में भी 10 लाख रुपये से कम कीमत में अच्छे ‘लाइफस्टाइल’ पिकअप की तलाश है। 

First Published - March 9, 2009 | 3:58 PM IST

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