फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के लिए कोलकाता का ‘फैन जोन’ पलक पावड़े बिछाकर तैयार हो गया है। दक्षिण कोलकाता की बाघाजतिन गली में ‘फैन जोन’ में दाखिले के लिए खास तौर पर दरवाजा बनाया गया है।
प्रवेश द्वार को अर्जेंटीना की जर्सी के नीले व सफेद रंग से सजाया गया है। दरवाजे पर एक तरफ पिछली सदी के महानतम खिलाड़ियों में शुमार अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना का पोस्टर लगा है। दूसरी तरफ इस दौर के सितारे और अर्जेंटीना के बेहतरीन खिलाड़ी लियोनेल मेसी का पोस्टर है। साथ ही दरवाजे पर चस्पा है यह इबारत…. अर्जेंटीना फुटबॉल फैन क्लब की मांद में आपका स्वागत है।
रविवार को फीफा विश्व कप का फाइनल अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच होगा। नीली सफेद धारियों वाली जर्सी पहनी टीम अर्जेंटीना और ‘ले ब्लू’ (फ्रांस) के बीच होने वाले मैच के लिए जोश देखने लायक है। अर्जेंटीना की टीम के दीवानों ने अपनी पसंदीदा टीम को जीता हुआ मान लिया है। इन प्रशंसकों ने मैच के बाद जश्न मनाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
अर्जेंटीना के जीतने पर जश्न भरी रैली निकाली जाएगी। इसके लिए करीब 300 मोटरसाइकल और 30 घोड़ा गाड़ियों की बुकिंग हो चुकी है।
मेसी की टीम के जीतने पर जश्न में रैली निकाली जाएगी। इसके लिए करीब 300 मोटरसाइकिलें और 30 घोड़ा गाड़ियों की बुकिंग हो चुकी है। अभी इस रैली का मार्ग तय नहीं हुआ है। जीत के जश्न के दौरान कई ‘विहंगम’ कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। फुटबॉल के दीवाने इन तैयारियों को उजागर करने से परहेज कर रहे हैं। फैन क्लब के संयुक्त सचिव हैप्पी साहा ने कहा, ‘जश्न मानने की भव्य योजनाएं हैं। लेकिन अभी हम इन योजनाओं का खुलासा नहीं करना चाहते हैं। पहले कप को हाथ में आने दो।’
इस क्लब के संस्थापक व सचिव उत्तम साहा कतर में हैं। वे हैप्पी के रिश्तेदार हैं। फुटबॉल का विश्व कप शुरू होने के बाद से 58 वर्षीय उत्तम ने कतर में डेरा डाल रखा है। उन्होंने कतर से बातचीत करते हुए कहा, ‘सौ फीसदी अर्जेंटीना ही जीतेगा’।
बाघाजतिन में तो आशा व जश्न का माहौल दिख रहा है, लेकिन उत्तरी कोलकाता में फकीर चक्रवर्ती लेन पर ब्राजील का विजय रथ जल्दी थम जाने का असर दिख रहा है। उत्तरी कोलकाता दिशारी क्लब की कार्यकारिणी के सदस्य सोमेन बोरा के मुताबिक रविवार का मैच बड़ी स्क्रीन पर दिखाने की योजना थी।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं ब्राजील का समर्थक हूं और अब ऐसा नहीं किया जा सकता।’ यह संकरी सी गली ब्राजील और अर्जेंटीना के झंडों से सजी हुई है। पूरा कोलकाता फुटबॉल के रंग में रंगा हुआ है। कोलकाता के कई हिस्सों में दीवारें फुटबॉल फाइनल के बारे में पेंटिंग से सजी हैं, तोरण और झंडे लगे हैं। फुटबॉल क्लब पास-पास हैं तो उनमें श्रेष्ठता की होड़ सी लगी हुई है।
दक्षिण अमेरिका की इन दो फुटबॉल टीमों के प्रति गहरे समर्थन के कारण राज्य मानो दो हिस्सों में बट गया है। लोग अर्जेंटीना और ब्राजील का समर्थन बिल्कुल उसी तरह कर रहे हैं, जैसे वे चिर प्रतिद्वंद्वी मोहन बागान (अब एटीके मोहन बागान) और ईस्ट बंगाल (अब इमामी ईस्ट बंगाल) का करते आए हैं। ये दोनों ही एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल क्लबों में से हैं और इनके लाखों समर्थक हैं।
मध्य कोलकाता के विधान मार्केट में जर्सी की छोटी सी दुकान चलाने वाले महताब अहमद की नजरें भी रविवार के मैच पर टिकी हैं। अहमद ने अर्जेंटीना की 500 जर्सियों का ऑर्डर दिया था मगर सभी हाथोहाथ बिक गईं। लिहाजा उन्हें और जर्सियां मंगानी पड़ी हैं। उन्होंने एक मजेदार बात बताई – जैसे ही अर्जेंटीना ने सेमीफाइनल में कदम रखा वैसे ही ब्राजील की जर्सी भी बिकनी शुरू हो गईं। निश्चित रूप से मेसी की जर्सी की सबसे ज्यादा मांग है। यह हाथोहाथ बिक रही है। अहमद अर्जेंटीना के समर्थक हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर वे जीते जाते हैं तो मेरा कारोबार अगले चार साल बढ़िया चलेगा।’
सवाल यह है कि अर्जेंटीना और ब्राजील की तरफ बंगाल का इतना झुकाव क्यों है? राजनीतिक विश्लेषक सव्यसाची बसु रायचौधरी के मुताबिक इस झुकाव की जड़ें उत्तर उपनिवेशवाद में छिपी हुई हैं। लोगों में विकसित अमीर देशों के प्रति अलगाव का भाव है। इसलिए फुटबॉल के स्थानीय दीवानों ने विकासशील देशों का समर्थन करना शुरू कर दिया है।