वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं के संगठन एसीएमए ने बुधवार को कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना भारतीय वाहन क्षेत्र को आत्मनिर्भर, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और भविष्य के तैयार करने की परिकल्पना करती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वाहन, वाहन कलपुर्जा और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एसीएमए के अध्यक्ष संजय कपूर ने एक बयान में कहा, नए युग की तकनीक को बढ़ावा देने से देश में एक अत्याधुनिक ऑटोमोटिव मूल्य शृंखला के निर्माण में मदद मिलेगी और भारत में आधुनिक ऑटोमोटिव उत्पादों के विनिर्माण को बेहद जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा। टाटा मोटर्स ने पीएलआई योजना को प्रगतिशील और परिवर्तनकारी करार दिया।
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने एक बयान में कहा, यह योजना प्रगतिशील और परिवर्तनकारी, दोनों है। यह स्थायी भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराती है और हरित गतिशीलता की दिशा में देश को आगे बढ़ती है। उन्होंने कहा कि इसमें बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन ईंधन सेल के निर्माण के साथ ही उनके सहायक बुनियादी ढांचे और निर्यात में शामिल में कई सार्थक प्रोत्साहन की पेशकश की गई है।
वाहन और वाहन कलपुर्जा उद्योग के लिए पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बढ़ा हुआ उत्पादन हासिल होगा। साथ ही इससे 7.5 लाख से अधिक नौकरियों के नए मौके तैयार होंगे।