आवश्यक कल-पुर्जों की कमी ने सितंबर में यात्री वाहनों की बिक्री पर बे्रक लगाया ही था और दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में व्यवधान ने भारतीय वाहन उद्योग को और बड़ा झटका दे दिया। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया की बिक्री में सितंबर में 46.16 फीसदी गिरावट दर्ज की गई और यह केवल 86,380 कार बेच पाई। पिछले साल सितंबर में यह आंक ड़ा 1,60,442 रहा था।
सितंबर में घरेलू बाजार में मारुति कारों की बिक्री 54.9 प्रतिशत कम होकर 68,815 रह गई। सितंबर 2020 में कंपनी ने 1,52,608 कारें बेची थीं। बिक्री में आई कमी पर कंपनी ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कमी से सितंबर में यात्री कारों की बिक्री पर प्रतिकूल असर पड़ा। कंपनी ने बिक्री में कमी रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए थे।’
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल इंजन सहित वाहनों के कई हिस्सों में होता है। इसके अलावा सभी प्रकार के सेंसर एवं कंट्रोल में भी इनका इस्तेमाल होता है। इन उपकरणों की कमी के कारण कई वाहन कंपनियों ने उत्पादन की रफ्तार सुस्त कर दी है जिससे लोगों को कारों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी हुंडई की बिक्री भी सितंबर में 23.6 प्रतिशत कमजोर रही। इस महीने कंपनी ने केवल 45,791 कार बेचीं, जबकि पिछले सितंबर में कंपनी की बिक्री का आंकड़ा 59,913 रहा था। वाहन उद्योग के लोगों और विश्लेषकों का कहना है कि चिप की कमी अभी कुछ समय तक जारी रहेगी जिसका सीधा असर वाहनों के उत्पादन पर होगा।
