BCCI ने Dream11 के हटने के बाद 2025 से 2028 तक 452 करोड़ की जर्सी स्पॉन्सरशिप डील शुरू की है, जिसमें 140 मैच शामिल होंगे और बड़ी कंपनियां दावेदारी करेंगी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपनी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए नए स्पॉन्सर की तलाश में जुट गया है। यह कवायद तब शुरू हुई जब फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म Dream11 ने हाल ही में लागू हुए ऑनलाइन गेमिंग नियमों के चलते अपनी साझेदारी खत्म कर दी। BCCI अब 2025 से 2028 तक के लिए करीब 452 करोड़ रुपये की नई स्पॉन्सरशिप डील की उम्मीद कर रहा है।
Dream11 ने 2023 में 358 करोड़ रुपये की डील के साथ भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप हासिल की थी। यह करार जुलाई 2023 से मार्च 2026 तक के लिए था। लेकिन सरकार के नए नियम, जिसे प्रोमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट के नाम से जाना जा रहा है, ने रियल मनी गेमिंग पर रोक लगा दी। इस कानून के तहत ऐसी गतिविधियों में शामिल कंपनियों पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है। नतीजतन, Dream11 को मजबूरन यह साझेदारी खत्म करनी पड़ी। BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, “सरकारी नियमों के चलते हम Dream11 या ऐसी किसी कंपनी के साथ साझेदारी जारी नहीं रख सकते। अब हम नए विकल्प तलाश रहे हैं।”
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नई स्पॉन्सरशिप डील 2025 से 2028 तक चलेगी और इसमें करीब 140 मैच शामिल होंगे। इनमें भारत की घरेलू और विदेशी द्विपक्षीय सीरीज के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के टूर्नामेंट शामिल हैं। BCCI ने द्विपक्षीय मैचों के लिए प्रति मैच 3.5 करोड़ रुपये और ICC व ACC मैचों के लिए 1.5 करोड़ रुपये की दर तय की है। इस हिसाब से 2025-26 में 131 करोड़, 2026-27 में 162.5 करोड़ और 2027-28 में 158.5 करोड़ रुपये की कमाई का टारगेट है।
इससे पहले Dream11 ने प्रति द्विपक्षीय मैच 3 करोड़ और ICC व ACC मैचों के लिए 1 करोड़ रुपये की दर से भुगतान किया था। Dream11 से पहले एडटेक कंपनी Byju’s ने 2019 से 2023 तक यह जिम्मेदारी संभाली थी, जो प्रति द्विपक्षीय मैच 5.07 करोड़ और ICC/ACC मैचों के लिए 1.56 करोड़ रुपये दे रही थी। Byju’s ने 2019 में चीनी कंपनी OPPO से यह डील 1,079.29 करोड़ रुपये में हासिल की थी।
एशिया कप के शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, जो सितंबर की शुरुआत में UAE में खेला जाएगा। ऐसे में BCCI पर जल्द से जल्द नया स्पॉन्सर ढूंढने का दबाव है। भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर नाम छपवाना ब्रांड्स के लिए बहुत बड़ा मौका माना जाता है, क्योंकि यह लाखों प्रशंसकों तक पहुंच प्रदान करता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि समय की कमी के बावजूद इस डील के लिए कई कंपनियां रुचि दिखाएंगी।
भारत का स्पोर्ट्स स्पॉन्सरशिप बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। GroupM के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में यह बाजार 6% बढ़कर 16,633 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) शुरू होने के बाद से सात गुना बढ़ोतरी है। क्रिकेट का इस बाजार में 85% हिस्सा है, हालांकि 2023 में यह 87% था। टीम स्पॉन्सरशिप से होने वाली आय 5% बढ़कर 1,681 करोड़ रुपये हो गई, जबकि ग्राउंड स्पॉन्सरशिप 2% घटकर 3,046 करोड़ रुपये रही। ओलंपिक जैसे आयोजनों ने अन्य खेलों में भी स्पॉन्सरशिप को बढ़ावा दिया है।