भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स और ऑनलाइन कार्ड गेम्स जैसे ड्रीम11, MPL और रम्मी सर्कल तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। लाखों यूजर्स इन प्लेटफॉर्म्स से पैसे कमा रहे हैं, लेकिन अक्सर खिलाड़ी टैक्स के नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं। नतीजा यह होता है कि बाद में आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है।
किंग स्टब एंड कासिवा लॉ फर्म के पार्टनर अदित्य भट्टाचार्य बताते हैं कि आयकर कानून के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली कमाई पर धारा 115BBJ के तहत सीधे 30% टैक्स लगता है। इसमें न तो बेसिक छूट मिलती है और न ही किसी तरह की कटौती। यानी यदि आपकी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम भी है, फिर भी अगर आपने गेमिंग से कमाया है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना ही होगा।
भट्टाचार्य के मुताबिक, ड्रीम11 जैसे प्लेटफॉर्म्स को नियमों के तहत आपकी नेट विनिंग्स पर 30% टीडीएस काटना अनिवार्य है। यह कटौती या तो पैसे निकालते समय होती है या वित्त वर्ष के आखिर में, जो भी पहले हो। यह रकम आपके पैन से लिंक होकर फॉर्म 26AS और AIS में दिखाई देती है। ITR भरते समय खिलाड़ी इस टीडीएस का क्रेडिट ले सकते हैं। हाल में आए ऑनलाइन गेमिंग कानून ने प्लेटफॉर्म्स को पारदर्शी रिपोर्टिंग के लिए और सख्त किया है।
AQUILAW के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर – टैक्स राजर्षि दासगुप्ता के अनुसार, सेक्शन 194BA के तहत अगर किसी खिलाड़ी ने एक तरफ से कमाई की और दूसरी तरफ घाटा हुआ, तो नुकसान घटाकर टैक्स नहीं निकाला जा सकता। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 जीते और ₹70,000 हारे, तब भी पूरे ₹50,000 पर 30% टैक्स लगेगा।
दासगुप्ता ने बताया कि अगर आप नौकरीपेशा हैं तो ITR-2 में गेमिंग आय को ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ में दिखाना होगा। वहीं, अगर कोई व्यक्ति इसे बिज़नेस की तरह करता है तो उसे ITR-3 भरना होगा। ITR-1 और ITR-4 का इस्तेमाल गेमिंग आय दिखाने के लिए नहीं किया जा सकता।
सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर ऋतिका नैय्यर कहती हैं कि यदि किसी खिलाड़ी ने अपनी कमाई छिपाई तो आयकर विभाग SFT रिपोर्टिंग और प्लेटफॉर्म्स के डेटा से तुरंत गड़बड़ी पकड़ सकता है। ऐसे मामलों में धारा 143(1)(a) या 139(9) के तहत नोटिस आ सकता है। गंभीर मामलों में धारा 270A के तहत 50% से लेकर 200% तक की पेनाल्टी और ब्याज भी देना पड़ सकता है। बड़ी गड़बड़ी की स्थिति में अभियोजन और जेल की सजा भी संभव है।
दासगुप्ता ने यह भी समझाया कि अगर आपने कमाई रिपोर्ट करना भूल गए हैं तो सेक्शन 139(8A) के तहत अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) भरा जा सकता है। बजट 2025 में इसकी समयसीमा दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दी गई है। हालांकि, इसके साथ अतिरिक्त टैक्स भी लगेगा। 12 महीने के भीतर दाखिल करने पर 25% ज्यादा टैक्स, 24 महीने तक 50%, 36 महीने तक 60% और 48 महीने तक 70% अतिरिक्त टैक्स चुकाना होगा। साथ ही ब्याज भी देना पड़ेगा।
सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर ऋतिका नैय्यर ने बताया, “इससे गंभीर नतीजे हो सकते हैं, क्योंकि आयकर विभाग को गेमिंग प्लेटफॉर्म्स से सीधा डेटा मिलता है और किसी भी गड़बड़ी को आसानी से पकड़ा जा सकता है। ऐसे में आयकर नोटिस आ सकता है और अगर आय कम दिखायी गई तो 50% पेनल्टी, जबकि गलत जानकारी देने पर 200% तक की पेनाल्टी लग सकती है। इसके अलावा बकाया टैक्स पर ब्याज भी देना होगा। अगर टैक्स चोरी बड़ी हो तो मामला अभियोजन तक जा सकता है और जेल की सजा भी संभव है। इन सबसे बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि अपनी सारी गेमिंग कमाई को सही-सही ITR में दिखाएं और फॉर्म 26AS से उसका मिलान करें।”