ओमीक्रोन के डर के बीच यथासंभव योजना तैयार करते हुए कई निजी अस्पतालों ने एक नया नियम शुरू किया है – उनके बाह्य रोगी विभाग में आने वाले किसी भी मरीज की पिछले दो सप्ताह की यात्रा की जानकारी का लेखा-जोखा रखना।
फोर्टिस हेल्थकेयर के समूह प्रमुख (मेडिकल स्ट्रैटेजी ऐंड ऑपरेशंस) विष्णु पाणिग्रही ने कहा ‘भर्ती के लिए जिस वक्त फॉर्म भरे जाते हैं, तब मरीज कायात्रा का लेखा-जोखा दर्ज करा लिया जाता है। हो सकता है कि कोई मरीज किसी असंबंधित लक्षण के साथ आ जाए और हो सकता है कि पिछले दो सप्ताह में उसने केपटाउन की यात्रा की हो। हमें सभी आशंकाओं से बचना होगा।’
बदतर हालात की तैयारी करते हुए डॉक्टर मरीजों को न घबराने की सलाह भी दे रहे हैं क्योंकि अब भी कोई ऐसा निर्णायक सबूत नहीं मिला है, जिससे पता चलता हो कि वायरस की यह नई किस्म अधिक घातक है। पाणिग्रही ने कहा ‘दक्षिण अफ्रीका के मामले अब तक हल्के हैं। ओमीक्रोन दुनिया भर में होगा। हम इस किस्म के बारे में लगभग दो सप्ताह में बेहतर जान पाएंगे। हमें घबराना नहीं चाहिए।’
अतिरिक्त एहतियाती उपाय के तौर पर बेंगलूरु स्थित मुख्यालय वाले मणिपाल हॉस्पिटल्स ग्रुप, मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल्स और वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स जैसे अस्पताल भी मरीज के यात्रा इतिहास के बारे में पूछना शुरू कर रहे हैं, भले ही कोई व्यक्ति बाह्य रोगी विभाग में आया हो।
देश की दूसरी सबसे बड़ी अस्पताल शृंखला मणिपाल हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी दिलीप जोस ने कहा ‘अब तक हमें अधिक जोखिम वाले किसी भी देश से ओमीक्रोम का कोई मामला नहीं मिला है। अगर हमें ऐसा कोई मरीज मिलता है, तो हम आरटी-पीसीआर जांच का विकल्प भी चुन सकते हैं।’
अचानक मामले बढऩे की स्थिति में अस्पताल ने अपनी तैयारियों की आंतरिक समीक्षा भी शुरू कर दी है। जोस ने बताया कि समीक्षा में कर्मचारी संख्या और ऑक्सीजन की तैयारी के साथ यह भी देखा जा रहा है कि वार्डों को कितनी जल्दी कोविड वार्ड या आईसीयू में तब्दील किया जा सकता है।
मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल्स ने कहा कि वे मरीज की यात्रा का लेखा-जोखा भी ले रहे हैं और वॉकहार्ट हॉस्पिटल के केंद्र प्रमुख पराग रिंदानी ने कहा कि वे अब यह प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर जांच में पॉजिटिव पाए जाने वाले 32 वर्षीय इंजीनियर के जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच का अभी इंतजार ही किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार रोगी अब लक्षणहीन और स्थिर है।
नई किस्म की वजह से कोई लहर उपजने की आशंका देखते हुए अस्पताल पूरी तैयारी कर रहे हैं और बिस्तर तथा ऑक्सीजन की उपलब्धता का जायजा ले रहे हैं। उदाहरण के लिए फोर्टिस अस्पताल ने कहा कि उसके पास तरल ऑक्सीजन के पर्याप्त टैंक हैं और ऑक्सीजन के लिए उसके अपने पीएसए संयंत्र हैं।
मुंबई के एक निजी अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि इस सप्ताह सरकार के साथ बैठक में उन्हें तैयार रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा ‘अभी हमारे पास एक कोविड वार्ड है और अधिकांश अस्पतालों में अभी कम से कम एक कोविड वार्ड तो होगा ही। अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे पहले से ही श्रमशक्ति की आवश्यकताओं का प्रबंध कर लें, कहीं ऐसा न हो उन्हें अपने कोविड-19 वार्डों को बढ़ाना पड़े।’
