facebookmetapixel
देशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोर

नीतियों व दस्तूर को व्यापक ढांचे की जरूरत: पीके मिश्रा

मिश्रा ने भारत के व्यापक उपभोग आधार और जनसांख्यिकीय लाभ के साथ-साथ इसके डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और तकनीकी क्षमताओं को देखते हुए सकारात्मक उम्मीद जताई।

Last Updated- March 02, 2025 | 10:05 PM IST

प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पीके मिश्रा ने गुरुवार को आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन कार्यक्रम के दौरान कहा कि किसी भी नीति निर्माण में अनिश्चितता के साथ ही व्यापक रूपरेखा और परिणाम केंद्रित और रचनात्मक मानसिकता पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।  उन्होंने यह भी कहा कि विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सततता पर केंद्रित नीतियां तैयार की जाती हैं। 

मिश्रा ने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन-रूस संघर्ष और पश्चिम एशिया संकट जैसे संकटों से सफलतापूर्वक निपटने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्त्व को दिया।  

उन्होंने कहा कि सभी संकटों को आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करके निपटाया गया।  भूराजनीतिक संकट और कोविड-19 का भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से आई चुनौतियों के बारे में मिश्रा ने कहा कि कुछ आर्थिक सुधारों के बाद ही आर्थिक वृद्दि की गति को फिर से बहाल किया जा सकता है। साथ ही  इसके लिए प्रोत्साहन पैकेज भी मुहैया कराना होगा।  

1972 बैच के आईएएस अधिकारी ने सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन(पीएलआई) योजना की तारीफ की, लेकिन इनके दीर्घावधि मूल्यांकन के महत्त्व पर जोर दिया। 

ऑस्ट्रेलिया, यूएई और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफटीए) के साथ हुए  हाल के मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विश्व के साथ आर्थिक जुड़ाव के मामले में भारत का नीतिगत रुख सुसंगत रहा है तथा वह पारस्परिक लाभ के आधार पर अन्य देशों के साथ जुड़ता रहा है।

गुजरात कैडर के अधिकारी मिश्रा ने कहा कि अनिश्चितता से नए तरीके से निपटने की जरूरत है, जहां जोखिम आकलन के अलावा एक ‘एंटी-फ्रैजाइल सिस्टम’ बनाने का भी मकसद होना चाहिए।  

76 साल के अधिकारी मिश्रा ने हाल की मोदी की अमेरिका यात्रा को खासकर व्यापार संबंध बढ़ाने के हिसाब से बहुत सकारात्मक बताया। उन्होंने आगे कहा कि द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय संबंधों के बीच बदलते वैश्विक व्यापार परिवेश में आर्थिक परिदृश्य बदल रहा है।

मिश्रा ने भारत के व्यापक उपभोग आधार और जनसांख्यिकीय लाभ के साथ-साथ इसके डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और तकनीकी क्षमताओं को देखते हुए सकारात्मक उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से भारत पूरी ताकत के साथ बातचीत कर सकेगा। कृषि क्षेत्र की जीडीपी में तेजी से घटती हिस्सेदारी के बावजूद मिश्रा ने कहा कि यह सेक्टर अभी भी देश के 46 प्रतिशत काम दे रहा है।  उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सुधार के लिए कृषि क्षेत्र का विविधीकरण जरूरी है। 

सिविल सर्विसेज में सुधार के मसले पर मिश्रा ने कहा कि शासन की बदलती जरूरतों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए सिविल सेवाओं को आधुनिक और मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

संबलपुर में जन्मे अधिकारी मिश्रा ने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान व्यक्तिगत प्रबंधन व्यवस्था में व्यापक बदलाव हुआ है। मिशन कर्मयोगी और इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आईडीओटी) प्लेटफॉर्म जैसी पहल से  कार्मिक प्रबंधन के क्षेत्र में योग्यता पर आधारित और समग्र दृष्टिकोण सामने आया है। 

First Published - March 2, 2025 | 10:05 PM IST

संबंधित पोस्ट