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उपभोक्ता उपकरण और वाहन कंपनियों के लिए त्योहार फीका

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 11:43 PM IST

मंगलवार को धनतेरस की चमक फीकी रही, खास तौर पर ज्यादातर उपभोक्ता अप्लायंस विनिर्माताओं और वाहन विनिर्माताओं के लिए। विक्रेता खरीदारों में त्योहारी उत्साह की कमी की वजह लगातार महंगाई, कोविड-19 की दूसरी लहर और सेमीकंडक्टर की किल्लत को मानते हैं। अनुमानों के मुताबिक धनतेरस पर दोपहिया और कारों की डिलिवरी पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी कम रही।
अब कंपनियों की उम्मीदें 45 दिन के त्योहारी सीजन के आखिरी कुछ दिनों पर टिकी हैं। यह सीजन 5 नवंबर को भाई दूज पर समाप्त हो जाएगा। उन्हें इस त्योहारी सीजन के तुरंत बाद शुरू होने वाले वैवाहिक सीजन से भी उम्मीद हैं। गोदरेज कंज्यूमर अप्लायंसेज के कारोबार प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, ‘हमें पिछले साल जैसा उत्साह नजर नहीं आ रहा है।’
हालांकि उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अप्लायंस विनिर्माता संघ (सीईएएमए) के अध्यक्ष एरिक ब्रगांजा ने कहा कि ‘अब तक बिक्री अच्छी रही है’ और उन्हें आगामी दिनों में सुधार आने की उम्मीद है। वाहन क्षेत्र से जुड़े लोगों का मिजाज बिगड़ा हुआ है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा, ‘देश में वाहन बिक्री के लिए यह त्योहारी सीजन पिछले एक दशक में सबसे खराब है।’
उन्होंने कहा कि चिप की किल्लत का निजी वाहनों की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है, जिससे एसयूवी, कॉम्पैक्ट एसयूवी और लक्जरी खंड में वाहनों की भारी किल्लत है। उन्होंने कहा कि शुरुआती कीमत स्तर के निजी वाहनों की मांग अब भी कम है क्योंकि ग्राहक चिकित्सा जरूरतों के लिए पैसा बचा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों में खराब वित्तीय स्थिति, ईंधन की कीमतों और लोगों के कोई बड़ी चीज खरीदने के बजाय अचानक आने वाली किसी चिकित्सा जरूरत के लिए बचत करने के कारण शुरुआती स्तर के दोपहिया वाहनों की बिक्री भी नहीं बढ़ रही है।’
उपभोक्ता अप्लायंस विनिर्माताओं ने भी कुछ इसी तरह की बात कही। गोदरेज अप्लायंस के नंदी ने कहा कि पिछले सप्ताहांत से शहरी मांग में कोई इजाफा नहीं हुआ और ग्रामीण मांग कमजोर बनी हुई है।
साफ तौर पर ग्रामीण खरीदार अभी कोविड-19 की दूसरी लहर से अभी पूरी तरह नहीं उबरे हैं। नंदी ने कहा कि बुनियादी उपभोक्ता अप्लायंस की मांग बुरी तरह प्रभावित हुई है, जबकि महंगी कीमत के उत्पादों की मांग में सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
नंदी ने कहा, ‘पिछले साल पहली तिमाही की दबी मांग आई थी। लेकिन हमें इस साल ऐसा कोई रुझान नजर नहीं आ रहा है और हमारा अनुमान है कि यह त्योहारी सीजन सालाना आधार पर सपाट रहेगा।’ उन्होंने कहा कि इस रुझान के लिए लगातार महंगाई और उपभोक्ता अप्लायंस कंपनियों के 15 से 16 फीसदी कीमतें बढ़ाना जिम्मेदार है।  
हालांकि ब्रगांजा ने कहा कि वह आम उपभोक्ता खंड में कमजोर मांग को लेकर चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह पिछले साल के समान ही है। ब्रगांजा ने कहा, ‘आम तौर पर आम उपभोक्ता खंडों में मांग वैवाहिक सीजन शुरू होने पर ही बढ़ती है।’
अन्य उद्यमी आगामी दिनों में नुकसान की भरपाई की उम्मीद कर रहे हैं। विजय सेल्स के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता ने कहा, ‘इस चीज से अचंभा होता है कि बिक्री पिछले साल से कम रही है। हमारे लिए रविवार शानदार रहा। हमारा मानना है कि यह अस्थायी बदलाव है। लोग इसलिए बाजारों में नहीं आए क्योंकि यह काम का दिन था। हम इस त्योहार के आखिरी दिनों में इसकी भरपाई करने की उम्मीद कर रहे हैं।’
हालांकि कार विनिर्माताओं के लिए चिंता आगे भी बनी रहेगी। कार बाजार की अगुआ मारुति सुजूकी के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवंं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि चिप की किल्लत से कुल डिलिवरी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि धनतेरस पर डिलिवरी लगभग पिछले साल जितनी रहेंगी, लेकिन स्टॉक काफी कम हो जाएगा।’ मारुति ने पिछले साल धनतेरस पर 15,000 कारों की डिलिवरी की थी।

First Published : November 5, 2021 | 11:56 PM IST