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नई परिस्थितियों के अनुरूप ढल रही कंपनियां

Last Updated- December 11, 2022 | 10:52 PM IST

महामारी के बाद के दौर में देश के कंपनी जगत के लिए नई चुनौतियों पर आधारित एक पैनल चर्चा के दौरान उद्योग जगत के अधिकांश दिग्गज प्रतिनिधियों ने संदेश दिया कि अब पहले की तरह सब कुछ सामान्य नहीं होने वाला है। ऐसे में किसी परिस्थिति के अनुरूप खुद को ढालना, कर्मचारियों को नए हुनर सिखाना और दोबारा से कौशल प्रशिक्षण देना अहम होगा। महामारी के बाद कई तरह के बदलाव तेजी से आए हैं जो बदलाव संभवत: पांच सालों में दिख सकते थे। ये बदलाव उपभोक्ताओं की बदली हुई जरूरतों को समझने, पारंपरिक बैंकों को वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों की तरफ  से मिल रही चुनौती या नए तरह की प्रौद्योगिकी तैयार होने से जुड़ी है। कई कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) ने कहा कि अगर कंपनियों को अपना अस्तित्व बनाए रखना है और कामयाब होना है तब उन्हें इन मौजूदा चुनौतियों से मिलने वाले मौके पर कदम उठाने की जरूरत है।
देश के कंपनी जगत के दिग्गजों और ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड अवार्ड्स: सेलिब्रेटिंग एक्सेलेंस’ के विजेता इस पुरस्कार के 22वें संस्करण के मौके पर अपनी राय बता रहे थे जिसका आयोजन महामारी के चलते लगातार दूसरी बार ऑनलाइन करना पड़ा। एशियन पेंट्स के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी), सीईओ और सीईओ ऑफ  दि इयर के बी एस आनंद ने कहा, ‘दुनिया में महामारी, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक उतार-चढ़ाव, हरित अर्थव्यवस्था (कार्बन कर), प्रौद्योगिकी, क्रिप्टोकरेंसी, संचार के नए तरीके की वजह से काफी बदलाव आया है। ऐसे में एक कंपनी के रूप में हमें कहीं अधिक मुस्तैद, तेज और हालात के अनुकूल खुद को ढालने लायक बनाना चाहिए।’
 इसके अलावा एशियन पेंट्स (1979-2020) के साथ चार दशक बिताने वाले आनंद का कहना है कि एक अभूतपूर्व दर से उपभोक्ताओं में भी बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी ने समाज के विभिन्न वर्गों को अलग तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ‘कंपनियों को इन विभिन्न जरूरतों और अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझने की जरूरत है। अपनी सफलता सुनिश्चित करने के लिए आज यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि उपभोक्ता कल क्या चाहेंगे।’ एक क्षेत्र में एक बड़े पैमाने पर बदलाव देखा गया है और वह है बैंकिंग के प्रति ग्राहकों का दृष्टिकोण। इस बात पर चर्चा जारी है कि क्या वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के उभार से पारंपरिक बैंक पर खतरा बढ़ेगा।
बैंकर ऑफ  दि इयर खिताब से नवाजे जाने वाले फेडरल बैंक के एमडी और सीईओ श्याम श्रीनिवासन ने कहा, ‘हमें उनके (पारंपरिक बैंकों) खत्म होने की बात इतनी जल्दी नहीं करनी चाहिए। फिनटेक का दौर आने और उनके उभार से बैंक कई गुना बेहतर बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। ये कंपनियां हमें चुनौती दे रही हैं कि हम काफी चुस्ती और तेजी बरतें।’
एचसीएल टेक्नोलॉजीज के एमडी और सीईओ सी विजयकुमार ने कहा, ‘दो साल पहले जब मैं विश्व आर्थिक मंच पर था जब यह चर्चा चल रही थी कि ऑटोमेशन से लोगों की नौकरियां छिन जाएंगी। लेकिन अब प्रतिभा की कमी नई और बड़ी चुनौती है।’ विजयकुमार ने कहा कि आजीवन सीखने के मंत्र के साथ यह अहम है कि सीखें, उस सीख को छोड़ दें और दोबारा से सीखें। स्टार एमएनसी से नवाजे जाने वाले व्हर्लपूल ऑफ  इंडिया के एमडी विशाल भोला ने कहा कि घर से काम करने का रुझान बढऩे से लोगों का नजरिया टिकाऊ वस्तुओं को लेकर भी बदला है और लोग अब खर्च को लेकर काफी सतर्कता बरत रहे हैं। वहीं गुजरात गैस के एमडी (स्टार पीएसयू पुरस्कार से सम्मानित) संजीव कुमार ने कीमतों में उतार-चढ़ाव की चुनौतियों की बात की। उन्होंने कहा, ‘कोयले की कीमतें बढ़ी, तेल की कीमतों में भी उछाल है और एलएनजी की कीमतें बढ़ गई हैं। बाजार में काफी तेजी है लेकिन मौजूदा कीमतें लंबे समय तक नहीं बनी रहेंगी।’
लघु एवं मझोले स्तर के उद्यमों को बड़ा झटका लगा है। एल्काइल अमाइन्स केमिकल्स (स्टार एसएमई) के सीएमडी योगेश कोठारी ने कहा कि शुरुआत में हालात काफी खराब थे लेकिन संगठित क्षेत्रों की कंपनियां अब बेहतर सेवाएं दे रही हैं क्योंकि श्रमिक अब वापस आ गए हैं।

First Published - December 14, 2021 | 11:24 PM IST

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