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BFSI Summit: UPI को भारत में आगे भी फ्री रखना चाहिए- Paytm CEO

Published by
बीएस वेब टीम
Last Updated- December 21, 2022 | 7:58 PM IST

Paytm के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने बुधवार को कहा कि भारत में यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन को ग्राहकों के लिए तब तक फ्री रखा जाना चाहिए, जब तक कि अधिकांश आबादी डिजिटल भुगतान करना शुरू नहीं कर देती है।

शर्मा ने मुंबई में बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI Insight Summit 2022 में कहा, ‘इस देश को तब तक UPI को फ्री रखना चाहिए जब तक कि अधिकांश दुकानदार और ग्राहक डिजिटल मोबाइल भुगतान प्रणाली से भुगतान नहीं कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि UPI को फ्री रखने का अर्थव्यवस्था पर द्वितीयक (secondary) और तृतीयक (tertiary) प्रभाव नाटकीय रूप से बड़ा है।

शेखर ने कहा कि डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है, अगले पांच वर्षों में भारत के खुदरा भुगतान में डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी 30 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी हो जाएगी। शेखर ने कहा, ‘अगले पांच वर्षों में, भारत में खुदरा भुगतान मुख्य रूप से डिजिटल भुगतान में शिफ्ट हो जाएगा। खुदरा भुगतान जो अभी 20-30 फीसदी के आसपास है, 75-80 फीसदी को पार कर जाना चाहिए।’

शेखर ने कहा कि कंपनियों के लिए पहले  पूर्वानुमान के आधार पर धन जुटाना आसान था। मगर अब कंपनी धन तभी जुटा जा सकती है जब वह दिखाती है कि वह पैसा कमा सकती है। कैश बर्न पर उन्होंने कहा कि पेटीएम ‘कंपनी के कैश बर्न को ब्लॉक करने की उम्मीदों से कहीं आगे है।’

कार्ड टोकनाइजेशन का हवाला देते हुए शेखर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इसको लेकर ठोस समाधान लाने की प्रक्रिया में है जो आम तौर पर कहीं और नहीं आया है। टोकनाइजेशन के तहत ग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान करते समय कार्ड का विवरण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होती है। अनुरोध पर कार्ड जारीकर्ता द्वारा एक ‘टोकन’ प्रदान किया जाता है, जिसका उपयोग ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करते समय वास्तविक कार्ड संख्या के स्थान पर किया जा सकता है। यह एक यूनिक नंबर होता है।

शर्मा ने कहा कि वह केंद्रीय बैंक के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति ‘सहानुभूति’ रखते हैं और ‘समझते हैं कि वे जो मांग रहे हैं वह क्यों मांग रहे हैं।’

First Published : December 21, 2022 | 7:47 PM IST