सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच गुरुवार को संसद के दोनों सदन अगले आदेश तक स्थगित हो गए। कुल मिलाकर पूरा बजट सत्र लगभग बिना किसी चर्चा के सरकार और विपक्ष की तनातनी की भेंट चढ़ गया। हाल के वर्षों में यह पहला ऐसा बजट सत्र रहा जिसमें सबसे कम कमकाज हुआ। लोकसभा में सरकार ने वित्त विधेयकों को छोड़कर 9 अन्य विधेयकों पर चर्चा और और उन्हें पारित करने की योजना बनाई थी। मगर सरकार केवल एक विधेयक पारित करा पाई। राज्यसभा में 18 विधयेक पारित होने थे मगर वहां भी महज 3 विधेयक ही पारित कराए जा सके।
बजट सत्र का ज्यादातर समय सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोपों और शोर-शराबे में निकल गया। सत्ता पक्ष कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से विदेश में भारत विरोधी टिप्पणी के लिए माफी मांगने के लिए कहता रहा वहीं विपक्ष ने कहा कि जब तक सरकार भारत के एक बड़े उद्योगपति के कारोबारी व्यवहार की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने पर सहमत नहीं होती तब तक वह संसद चलने नहीं देगी।
इस सत्र में सूरत की एक अदालत द्वारा एक मानहानि के मुकदमे में 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी अयोग्य ठहराए गए। दूसरी तरफ लक्षद्वीप के सांसद की सदस्यता केरल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बहाल दर दी गई।
बजट सत्र के दूसरे हिस्से में ना के बराबर कामकाज हुआ। राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर भी हंगामा हुआ। थोड़ी बहुत चर्चा के बाद वित्त एवं विनियोग (एप्रोप्रिएशन) विधेयक पारित हो गए। सत्र के आखिरी दिन संसद केवल छह मिनट के लिए चल पाया। कांग्रेस और डीएमके सदस्य गौतम अदाणी के मामले की जेपीसी से जांच कराने की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गए।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जताई और कहा, ‘आप लोगों ने संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है। देश और संसदीय प्रणाली के ऐसा व्यवहार अच्छा नहीं माना जा सकता। संसद में उच्च-स्तरीय चर्चा और बहस होना चाहिए। मगर आप एक सोची-समझी रणनीति के तहत कार्रवाई रोक रहे हैं जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता है।’
मगर कांग्रेस और डीएमके सांसदों पर लोकसभा अध्यक्ष की बातों का कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने नारेबाजी जारी रखी। अध्यक्ष ने अपने भाषण में कहा कि लोकसभा में कार्यवाही 31 जनवरी को शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 13 घंटे चर्चा हुई और 143 सांसदों ने इसमें भाग लिया।
राज्यसभा में भी कमोबेश ऐसी ही हालत रही। आज गुरुवार को दोपहर 2 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई मगर कुछ ही समय बाद स्थगित हो गया।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बजट सत्र में कामकाज नहीं होने की जिम्मेदारी विपक्ष पर दे मारी। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने संसद की कार्यवाही में व्यवधान डाला और काला कपड़ा पहन कर संसद का अपमान किया है। मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस राहुल गांधी के लिए संसद में जो व्यवधान पहुंचा रही है उसे पूरा देश देख रहा है। हम सभी ने देखा है कि न्यायपालिका पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस को लोग किस तरह सूरत में जमा हो गए। कांग्रेस के एक सदस्य ने तो यहां तक कह दिया कि गांधी परिवार के लिए अलग से नियम होने चाहिए।’
संसद के दोनों सदन स्थगित होने के थोडी देर बाद ही विपक्ष के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। विपक्ष के लोग संसद भवन से लेकर विजय चौक तक हाथ में तिरंगा लेकर यात्रा की। विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष द्वारा शाम में आयोजित परंपरागत ‘संध्या चाय’ का भी बहिष्कार किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सरकार ने 50 लाख करोड़ का बजट बिना किसी चर्चा के 12 मिनट में ही पारित करा लिया। मैंने अपने अब तक के राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा है कि स्वयं सरकार ने अपने लिए व्यवधान खड़ा किया है। मोदी सरकार बातें तो बड़ी-बड़ी करती है मगर करती कुछ नहीं है।’
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थापना दिवस पर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस परिवारवाद और भ्रष्टाचार की धुरी रही है।