आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक नई राजनीतिक रणनीति के तहत रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जवाब मांगा। केजरीवाल ने यह कहकर मोदी का कद कम दिखाने की कोशिश की कि आरएसएस ही मुखिया है और उसे अपने बच्चों को नियंत्रण में रखना चाहिए।
केजरीवाल ने एक रैली में कहा, ‘क्या बेटा अब इतना बड़ा हो गया है कि वह अपनी मां को आंख दिखा रहा है?’ इस रैली में उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल किए। उन्होंने जो सवाल पूछे वे राजनीतिक रूप से भले ही सामान्य प्रतीत होते हों, लेकिन भागवत का जिक्र करना नई और असामान्य बात है।
केजरीवाल ने पूछा कि क्या संघ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक दलों को तोड़ने, विपक्षी दलों की सरकारें गिराने और ‘भ्रष्ट’ नेताओं को अपने पाले में करने की भाजपा की राजनीति से सहमत है? दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जंतर-मंतर पर अपनी पहली सार्वजनिक सभा ‘जनता की अदालत’ में उन्होंने पूछा कि क्या सेवानिवृत्ति की आयु से संबंधित भाजपा का नियम मोदी पर भी लागू होता है, जैसा आडवाणी पर लागू हुआ था?
उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या वह नेताओं को ‘भ्रष्ट’ कहने और फिर उन्हें अपने पाले में शामिल करने की भाजपा की राजनीति से सहमत हैं? केजरीवाल ने एक अन्य सवाल में भागवत से पूछा कि जब भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी को अपने वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जरूरत नहीं है, तो उन्हें कैसा लगा?
उन्होंने कहा कि आरएसएस भाजपा की मां समान है। क्या आज बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वो मां को आंखें दिखाने लग गया है। केजरीवाल ने कहा कि मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि जब नड्डा ने ऐसा कहा तो आपके दिल पर क्या गुजरी। क्या आपको दुख नहीं हुआ? क्या आरएसएस के कार्यकर्ताओं को दुख नहीं हुआ?
उन्होंने सवाल किया कि क्या आरएसएस प्रमुख भाजपा की मौजूदा राजनीति से संतुष्ट हैं? केजरीवाल ने कहा,आरएसएस और भाजपा ने नियम बनाया था कि हर नेता 75 साल की उम्र होने पर सेवानिवृत्त हो जाएगा। इस नियम के तहत आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र जैसे नेताओं को सेवानिवृत्त कर दिया गया। अब अमित शाह कहते हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता।
उन्होंने भागवत से पूछा, ‘क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि जो नियम आडवाणी जी पर लागू होता है, वह मोदी जी पर लागू नहीं होगा?’