राजनीति

Kannada reservation bill: कर्नाटक के प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण विधेयक पर खरगे की नाराजगी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कन्नड़ आरक्षण विधेयक को भ्रम के बीच किया स्थगित, कांग्रेस में आंतरिक असंतोष

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- July 18, 2024 | 10:29 PM IST

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने निजी क्षेत्र में कन्नड़ लोगों को आरक्षण देने वाली विधेयक को भ्रम की स्थिति के कारण अगले कुछ दिनों के लिए टाल दिया है और आशंकाओं को दूर करने के लिए अगली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।

मगर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मंत्रिपरिषद में वरिष्ठ साथियों के साथ चर्चा किए बिना इस विधेयक को आगे बढ़ाने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व यहां तक की कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, बेंगलूरु में मौजूद खरगे सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के हस्तक्षेप के बाद सिद्धरमैया ने बुधवार की शाम विधेयक वापस लेने की घोषणा की।

कांग्रेस के सूत्र ने सोमवार को राज्य कैबिनेट के समक्ष विधेयक का मसौदा तैयार करने और उसे पेश करने की प्रक्रिया को मुख्यमंत्री कार्यालय और उनके करीबियों की एकतरफा प्रयास बताया। कांग्रेस के सूत्र ने दावा किया कि कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री एमबी पाटिल समेत सरकार के अधिकतर मंत्रियों ने शीर्ष नेतृत्व से कहा कि उन्हें भी विधेयक के बारे में कैबिनेट की बैठक के दौरान ही पता चला।

इस प्रकरण ने कर्नाटक कांग्रेस के भीतर गुटबाजी को उजागर कर दिया, जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने लोक सभा चुनावों के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया था। सूत्रों का दावा है कि केंद्रीय नेतृत्व को यह शक है कि विधेयक को कथित वाल्मीकि घोटाले जैसे मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए लाया गया था, जिसका सामना सिद्धरमैया सरकार कर रही है।

First Published : July 18, 2024 | 10:29 PM IST