महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के 12 दिन बाद बुधवार को भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
बुधवार को नई सरकार गठन का न्योता मिलने पर फडणवीस के साथ राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख अजित पवार ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में गुरुवार शाम 5.30 बजे होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री भी शिरकत करेंगे।
हालांकि, राज्यपाल से मुलाकात से मीडिया से मुखातिब हुए शिंदे से जब उनके सरकार में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। जुलाई, 2022 से महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मुख्यमंत्री रहने वाले शिवसेना प्रमुख ने कहा कि शाम तक इंतजार कीजिए। मगर राकांपा प्रमुख अजित पवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह शपथ लेने वाले हैं।
दूसरी ओर, फडणवीस ने कहा कि महायुति के सभी नेता चाहते हैं कि शिंदे सरकार का हिस्सा बनें और उन्होंने उम्मीद जताई है कि वह अनुरोध स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा शिवसेना और राकांपा के अलावा राष्ट्रीय समाज पक्ष, जनसुराज्य शक्ति पार्टी, युवा स्वाभिमान पक्ष के रवि राणा और दो निर्दलीय विधायकों ने उन्हें अपना समर्थन पत्र सौंपा है।
फडणवीस ने कहा, ‘मुख्यमंत्री का पद तकनीकी जरूरत है। हम तीनों (शिंदे, पवार और मैं) मिलकर काम करेंगे। मैं और दो उप मुख्यमंत्री गुरुवार शाम को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेंगे। अभी यह तय होना बाकी है कि और कितने मंत्री शपथ लेंगे।’ शिंदे के नाखुश होने की अटकलों को खारिज करते हुए फडणवीस ने कहा कि मैंने उनसे सरकार में शामिल होने को आमंत्रित करने के लिए मंगलवार की शाम को मुलाकात की थी।
महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में भाजपा की इस दमदार जीत का श्रेय फडणवीस को ही दिया जा रहा है। पार्टी ने वहां 132 सीटों पर जीत हासिल की है, जो बहुमत से सिर्फ 12 सीटें कम है और इसलिए दो बार मुख्यमंत्री रहे 54 वर्षीय फडणवीस तीसरी बार भी राज्य के मुखिया बनने जा रहे हैं। वह साल 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। साल 2019 के विधान सभा चुनावों के बाद भी कुछ वक्त तक वह मुख्यमंत्री रहे और अजित पवार उप मुख्यमंत्री थे।
महाराष्ट्र में अब तक 20 मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनमें से 12 मुख्यमंत्री मराठा समुदाय से रहे हैं। इनमें वाईबी चव्हाण, शरद पवार, वसंतदादा पाटिल, विलासराव देशमुख और एकनाथ शिंदे शामिल हैं। उसके अलावा मनोहर जोशी और देवेंद्र फडणवीस जैसे दो ब्राह्मण भी मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं। साथ ही दलित नेता सुशील कुमार शिंदे, मुस्लिम नेता एआर अंतुले और कायस्थ नेता उद्धव ठाकरे भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
दिन की शुरुआत में फडणवीस को नेता चुने जाने वाले भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछली कांग्रेस नीत सरकार पर मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन, आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो कार शेड सहित महाराष्ट्र की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को रोकने का आरोप लगाया। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर सीतारमण के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार राज्य में विकास लाएगी। साथ ही उन्होंने प्रदेश के लिए केंद्र सरकार की महत्त्व पहलों का उल्लेख किया, जिसमें 76 हजार करोड़ रुपये की वधावन बंदरगाह परियोजना शामिल है।