कांग्रेस को गुरुवार को एक के बाद एक कई बड़े झटके लगे जब उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ समेत कई बड़े नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। गौरव ने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया कि वह न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकते हैं और न ही दिन-रात ‘वेल्थ क्रिएटर्स (परिसंपत्तियों का सृजन करने वालों)’ को गाली दे सकते हैं।
कुछ ही घंटों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के आह्वान से प्रभावित होकर वह भाजपा में शामिल हो गए। वल्लभ के अलावा कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता उपेंद्र प्रसाद ने भी पार्टी महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। दोनों नेताओं ने भी पाला बदलने के बाद सनातन विरोधी बताकर कांग्रेस की आलोचना की।
वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया। उन्होंने कहा कि पार्टी जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे।
वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी। वल्लभ ने त्यागपत्र में यह दावा भी किया कि वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस का रुख हमेशा ‘वेल्थ क्रिएटर्स’ को नीचा दिखाने वाला रहा है तथा देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नकारात्मक रहा है। उनका कहना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे।
दूसरी ओर, कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के एक दिन बाद पूर्व सांसद संजय निरुपम ने गुरुवार को पार्टी नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार होने का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस अब इतिहास बन चुकी है और उसका कोई भविष्य नहीं है। मुंबई में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए निरुपम ने यह भी कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) तीन ‘बीमार इकाइयों’ का एक विलय है।
निरुपम ने कहा कि कांग्रेस में पांच पॉवर सेंटर हैं। गांधी परिवार के तीन सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और के सी वेणुगोपाल (पार्टी महासचिव)। उन्होंने दावा किया, ‘वह नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता समाप्त हो चुकी है, जिनके समाज में धर्म की कोई जगह नहीं थी।’
विपक्षी एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार (राकांपा-एसपी) शामिल है।
अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों पर संज्ञान लेते हुए खरगे ने बुधवार देर रात को निरुपम के निष्कासन को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी थी। उनको छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।
निरुपम ने कहा कि आगामी लोक सभा चुनावों में उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को ज्यादा सीटें देने के लिए कांग्रेस की आलोचना करने को पार्टी विरोधी गतिविधियां करार नहीं दिया जा सकता। उत्तर मुंबई से पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि शिवसेना-यूबीटी के दिशा-निर्देशों पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ऐसे लोगों से घिरे हुए हैं, जिनकी जमीनी स्तर पर कोई पकड़ नहीं है।