पिछड़े इलाकों में तकनीकी संस्थान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:30 AM IST

तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में 250 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और 50 पॉलिटेक्निक संस्थान खोलगी।
इन शैक्षणिक संस्थानों के लिए सबसे खास बात यह है कि इन्हें आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों में खोला जाएगा। इनमें से कुछ संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड इलाकों में भी खोले जाएंगे जो अब भी विकास की राह तक रहे हैं।
राज्य के व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आलोक रंजन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पहले चरण के तहत इस वित्त वर्ष में 60 आईटीआई और 20 पॉलिटेक्ीक खोले जाएंगे।’ इन सभी संस्थानों को खोलने का जिम्मा निजी क्षेत्रों के पास होगा और राज्य सरकार इसमें उत्प्रेरक का काम करेगी।
रंजन ने बताया, ‘निजी पार्टियों से इस सिलसिले में हमें कई सारे प्रस्ताव मिल चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा।’ इन संस्थानों को तैयार करने में तकरीबन 300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा राज्य सरकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की देखरेख में इंस्टीटयूट ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी में है।
रंजन ने बताया कि इस पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। रंजन ने कहा, ‘उद्योग जगत को प्रशिक्षित कामगारों की जरूरत है और इन्हें तैयार करने के लिए राज्य सरकार बहुत गंभीर है। बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य सरकार दक्ष कामगारों की फौज तैयार करने में जुटी हुई है।’
राज्य सरकार ने 25 पॉलिटेक्ीक और 125 आईटीआई को निजी हाथों में सौंपने की योजना बनाई थी। इसके लिए सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी के तहत बोली लगाई जानी थी पर कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए सरकार को इस प्रस्ताव पर फिलहाल रोक लगानी पड़ी है।
रंजन ने बताया, ‘चूंकि कर्मचारी इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं इस वजह से फिलहाल हमने नए संस्थानों को खोलने का निर्णय लिया है।’ कुछ समय पहले राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों के नक्शे कदम पर चलते हुए पीपीपी मॉडल के अध्ययन के लिए एक समिति का गठन किया था।
उत्तर प्रदेश तकनीकी शिक्षा के विशेष सचिव राम गणेश की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति ने तकनीकी शिक्षा में पीपीपी मॉडल के महत्व के अध्ययन के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और हरियाणा का दौरा किया था। समिति ने इसी साल जनवरी में अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपी है।
इस समिति ने विरोध कर रहे उत्तर प्रदेश राज्य आईटीआई और पॉलिटेक्निक संयुक्त कार्य समिति के सामने प्रस्तुति भी दी थी। विरोध कर रही समिति का आरोप था कि राज्य सरकार पीपीपी मॉडल की आड़ में ऐसे संस्थानों को निजी हाथों में सौंपना चाहती है जिनके पास करोड़ों रुपये की जमीन है। राज्य के प्रमुख इलाकों में करीब 106 पॉलिटेक्ीक और 156 आईटीआई हैं। इनमें करीब 20,000 शिक्षक और कर्मचारी काम कर रहे हैं।

First Published : April 28, 2009 | 9:59 AM IST