भाजपा से रिश्ते तोड़कर राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज होने वाले उद्धव ठाकरे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग मुलाकात राजनीतिक चर्चा का विषय बनी हुई है। सत्ता में शामिल दलों के रिश्ते और सरकार पर अटकलें लगाई जा रही है। महाराष्ट्र सरकार के सूत्रधार एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेंगी और आगामी चुनाव भी तीनों दल मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और पवार की पिछले सप्ताह भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद चल रही अटकलबाजियों के बीच शरद पवार ने यह बयान दिया है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। शिवसेना पर भरोसा किया जा सकता है। राकांपा के 22वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) अगले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
उन्होंने संकेत दिया कि तीनों दल 2024 में होने वाले चुनाव साथ में लड़ सकते हैं। संशय पैदा किया जा रहा है कि राज्य सरकार कितने समय तक चल पाएगी। लेकिन शिवसेना ऐसा दल है जिस पर भरोसा किया जा सकता है। बालासाहब ठाकरे ने इंदिरा गांधी के प्रति अपने वचन का सम्मान किया था। सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी। हमने अलग-अलग विचारधाराओं वाले दलों की सरकार बनाई। हमने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन शिवसेना के साथ सरकार बनाएंगे क्योंकि हमने कभी मिलकर काम नहीं किया था। लेकिन अनुभव अच्छा है और तीनों दल कोविड-19 महामारी के दौरान मिलकर बेहतर काम कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मोदी देश और भाजपा के शीर्ष नेता हैं। पिछले सात साल में भाजपा की सफलता का श्रेय मोदी को जाता है। वह अभी देश और अपनी पार्टी के शीर्ष नेता हैं। राउत ने कहा कि शिवसेना का हमेशा से मानना रहा है कि प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, किसी एक पार्टी के नहीं। लिहाजा, प्रधानमंत्री को चुनाव अभियान में शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे आधिकारिक मशीनरी पर दबाव पड़ता है। प्रधानमंत्री से उद्धव ठाकरे की मुलाकात पर महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दो दिन पहले कहा था कि अगर मोदी चाहें तो उनकी पार्टी बाघ (शिवसेना ) से दोस्ती कर सकती है। इस पर राउत ने कहा कि बाघ के साथ कोई दोस्ती नहीं कर सकता। बाघ ही तय करता है कि उसे किसके साथ दोस्ती करनी है। राउत ने कहा कि महा विकास आघाड़ी में शामिल सभी दलों को अपना आधार बढ़ाने और पार्टियों को मजबूत करने का अधिकार है। यह वक्त की जरूरत भी है। हम एक-दूसरे के साथ समन्वय को मजबूत करने के लिये बैठकें भी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात करने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने उसी दिन बेवाकी से जवाब देते हुए कहा कि हम भले ही राजनीतिक रूप से साथ नहीं हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारा रिश्ता टूट चुका है। मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। अगर मैं प्रधानमंत्री से अलग से मिलता हूं तो इसमें कुछ गलत नहीं होना चाहिए। राजनीति के जानकारों का कहना है कि अटकलें कुछ भी लेकिन यह मुलाकात दोनों के हित में है क्योंकि शिवसेना घिरती है तो उसे भाजपा का सहारा मिल सकता है ऐसे में मोदी ही तारणहार हो सकते हैं जबकि भाजपा को अपने रिश्ते जिंदा करने की एक किरण टिमटिमाती नजर आती रहेगी। हालांकि यह मुलाकात कांग्रेस राकांपा के लिए भी एक जवाब है कि वह शिवसेना को बहुत ज्यादा दबाने की कोशिश करते हैं तो शिवसेना के लिए दूसरे भी दरवाजे खुले हैं।