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मंदी न देखे छोटे बड़े का भेद

Last Updated- December 08, 2022 | 7:41 AM IST

एक ओर जहां विप्रो टेक्नोलॉजी जैसी देश की बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियां नई भर्तियों में कमी लाने का फैसला कर रही हैं ।


वहीं कोलकाता स्थित कई छोटी और मझोली कंपनियां भी अगली कुछ तिमाही के लिए भर्ती प्रक्रिया में करीब आधे फीसदी तक कटौती कर सकती हैं।

निस्संदेह ऐसे में वेतन वृध्दि भी प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, कंपनियां अपने अस्थायी कर्मचारियों को भी निकालने पर विचार रही हैं।

ई-रेव मैक्स के मानव संसाधन प्रमुख जगत एम सरकार ने बताया, ‘मौजूदा हालात में कंपनियां बेहतर कर्मचारियों को भर्ती करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। हम लोगों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी के इस दौर में गुणवत्ता और लागत प्रभावी भर्ती विकल्पों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।’

ई-रेव मैक्स एक उत्पाद कंपनी है। कंपनी का मुख्य विकास केंद्र कोलकाता में है और करीब 60 देशों में इसकी उपस्थिति है। ई-रेव मैक्स ने पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 20 फीसदी अधिक भर्तियां की है।

वेतन संशोधन पर टिप्पणी करते हुए सरकार ने बताया, ‘बीते कुछ सालों में वेतन में जबरदस्त वृध्दि देखने को मिली है, जो सालाना 13-14 फीसदी के आसपास रही है। लेकिन मौजूदा हालात में वेतन वृध्दि एक अंक में होनी चाहिए। हम लोगों का मानना है कि वास्तव में यह दौर हमें क्षतिपूर्ति की समीक्षा करने का मौका दे रहा है।’

सरकार ने बताया, ‘इसमें कोई शक नहीं कि हमारे जैसे किसी उत्पाद विकास संगठन के मुकाबले इस आर्थिक मंदी का असर खास तौर से सर्विस ऑर्गनाइजेशन पर अधिक देखने को मिल सकता है।’

ग्लोबसिन ग्रुप के निदेशक रोमित दासगुप्ता ने बताया, ‘अमेरिका में छाई मंदी की वजह से निस्संदेह आईटी उद्योग में होने वाली भर्ती दर में कमी आ रही है। ऐसे में बड़ी आईटी कंपनियों की अपेक्षा छोटी कंपनियों पर ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’

पिछले साल ग्लोबसिन ने 25 फीसदी अधिक भर्तियां की थी लेकिन इस साल भर्तियों में 12 फीसदी की कमी आई है। वर्तमान में ग्लोबसिन में वेतन वृध्दि 15-18 फीसदी के बीच हुई थी लेकिन अगली तिमाही में वेतन वृध्दि प्रभावित हो सकती है।

आईविज कंपनी के उपाध्यक्ष और प्रोडक्ट एंड मार्केटिंग अध्यक्ष बाला गिरीशबल ने बताया, ‘पिछले तीन महीनों में हमारी कंपनी का विकास हुआ है। अगले एक साल में यह स्थायी हो जाएगी लेकिन हम लोग कंपनी परिचालन का आकलन कर रहे हैं।

हम लोग सुरक्षा अनुसंधान, डिलिवरी, सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट, सहायक कार्यों, विपणन और बिक्री आदि क्षेत्र में लोगों की भर्ती कर रहे हैं।’ इस साल आईविज ने अपने कर्मचारियों की संख्या बढरई है।

विप्रो ने दी सफाई

कैंपस प्लेसमेंट में हो रही देरी व बंद किए जाने पर उठे विवाद पर सफाई देने के लिए देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातक कंपनी विप्रो टेक्नोलॉजी ने पश्चिम बंगाल के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री देवेश दास और कोलकाता के एक छात्रों के समूह से मुलाकात की।

विप्रो टेक्नोलॉजी के प्रदीप बहिरवानी ने बताया, ‘मैंने 2007-08 में करीब 13, 500 छात्रों को 2008-09 में विभिन्न केंद्रों में भर्ती के लिए पेशकश की थी। हालांकि 98 फीसदी छात्रों ने हमारी पेशकश को स्वीकार कर लिया था।

लेकिन अभी भी कुछ छात्रों का समूह उनको भेजे गए पत्र में हुए बदलाव को लेकर थोड़े भ्रम में हैं। हमने उन छात्रों से मुलाकात की है और कहा है कि वे हमारे बीपीओ विभाग में तकनीकी सहायता इंजीनियर के रूप में ज्वाइन कर सकते हैं। ऑफर लेटर में लिखे गए वेतन पैकेज में कोई बदलाव नहीं लाया जाएगा।

पिछले साल स्थिति कुछ और थी पर अब सभी क्षेत्रों में आर्थिक मंदी का प्रतिकूल असर पड़ रहा है।’ यहां के छात्र 5 दिसंबर तक विप्रो को अपनी प्रतिक्रिया देंगे।

First Published - December 5, 2008 | 8:58 PM IST

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