हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए यह वर्ष अच्छा साबित नहीं हुआ है।
इस वर्ष सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को कुल 978 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
यह घाटा पिछले वर्ष के 917 करोड़ रुपये के मुकाबले 61 करोड़ रुपये ज्यादा रहा है।
राज्य की आर्थिक स्थिति पर इसका बुरा असर पड़ा है। पिछले साल 31 मार्च तक राज्य के 23 सार्वजनिक उपक्रमों में से 18 लगातार घाटे में चल रहे है।
इनमें हिमाचल रोडवेज ट्रांसपोर्ट कोर्पोरेशन (एचपीएसईबी) 437 करोड़ रुपये के घाटे के साथ पहले पायदान पर है।
इसके अलावा 237 करोड़ रुपये के घाटे के साथ हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड और 112 करोड़ रुपये के घाटे के साथ राज्य वित्त निगम क्रमश: दूसरे औ तीसरे स्थान पर हैं।
ये तीन कंपनियां ही कुल घाटे के 80 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार है। दूसरी ओर राज्य का नागरिक आपूर्ति निगम 13.39 करोड़ रुपये का लाभ देने वाला एकमात्र सार्वजनिक उपक्रम है।