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मंदी की गिरफ्त में बिजली परियोजना

Last Updated- December 08, 2022 | 9:06 AM IST

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में प्रस्तावित बिजली परियोजना वैश्विक आर्थिक मंदी के चक्रवात में फंसती दिख रही है।


बिजली कंपनियों की उदासीनता के कारण राज्य सकरार ने वित्तीय बोली दाखिल करने की आखिरी तारीख को अब 5 जनवरी, 2009 तक बढ़ा दिया है। इससे पहले बोली दाखिल करने की अंतिम तारीख को 30 नवंबर से बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया गया था।

एनटीपीसी, इंडियाबुल्स, जेपी पॉवर वेंचर्स, लैंको कोंडापल्ली, जीवीके, एलऐंडटी, अदानी पॉवर, रिलायंस और आईसोलक्स सहित नौ कंपनियां इस परियोजना को हासिल करने की दौड़ में शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश बिजली निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के प्रबंध निदेशक अवनीश कुमार अवस्थी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘हमने बोली की तारीख को 5 जनवरी, 2009 तक के लिए बढ़ा दिया है।’

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यूपीपीसीएल को भय है कि मौजूदा आर्थिक दशाओं में बोलीदाता बिजली आपूर्ति के लिए बोली की कीमत को बढ़ा सकते हैं। राज्य सरकार इलाहाबाद के बारा में उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित एक बिजली संयंत्र की स्थापना करना चाहती है।

इस बीच इलाहाबाद जिले के करछना बिजली संयंत्र पर राज्य सरकार कोई फैसला नहीं कर सकी है। इस संयंत्र के लिए जेपी समूह ने पिछली बोली के मुकाबले 37 पैसे अधिक कीमत लगाई है। इन दोनों बिजली परियोजनाओं की स्थापना में पहले ही 1 साल की देरी हो चुकी है।

जेपी ने अपनी बोली को संशोधित करने से इनकार कर दिया है। उत्तर प्रदेश ऊर्जा कार्यबल (ईटीएफ) अब इस उहापोह में है कि दोबारा बोली मंगाई जाए या नहीं। उल्लेखनीय है कि बारा और करछना परियोजनाओं के लिए अभी तक कुल 3 बार बोली आमंत्रित की जा चुकी है।

First Published - December 15, 2008 | 8:50 PM IST

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