उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए सबसे पसंदीदा जगह के रुप में दिल्ली से सटे नोएडा का पहला स्थान बरकरार है। बीते चार सालों में 855 बड़े निवेशकों ने नोएडा में अपनी इकाई लगाने के लिए भूखंड खरीदे हैं। इनमें सैमसंग, पेटीएम, टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टीसीएस), माइक्रोसा ट, अदाणी समूह और हल्दीराम शामिल हैं।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बीते चार सालों में नोएडा में देश तथा विदेश के 855 बड़े निवेशक 20,560 करोड़ रुपये का निवेश कर अपना उद्यम स्थापित कर रहे हैं, जिसमें 1.47 लाख लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा। उनका कहना है कि दिल्ली के करीब जेवर एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य तेज होते ही यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) में अपना उद्यम स्थापित करने वाले निवेशकों की सं या में इजाफा होगा। जिसका लाभ नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) को भी होगा और यहां उद्योग लगाने वाले निवेशक बढ़ेंगे।
नोएडा में जिन 855 बड़े निवेशकों ने औद्यगिक भूखंड लिया हैं, उनमें से तमाम निवेशको ने अपनी इकाई की स्थापना का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। सैमसंग कंपनी ने नोएडा में मोबाइल डिस्प्ले यूनिट लगाई है। करीब 4,826 करोड़ रुपये का निवेश कर लगी सैमसंग के कारखाने में 2,500 लोगों को रोजगार मिला है। इसी प्रकार पेटीएम ने 302 करोड़ रुपये का निवेश का अपना उद्यम स्थापित किया है, जहां 15 हजार लोगों को रोजगार मिला है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में टीसीएम ने 2,300 करोड़ रुपये और मदरसन ग्रुप ने 47 करोड़ रुपये का निवेश नोएडा में किया है। डेटा प्रोसेसिंग क्षेत्र में अदाणी समूह ने भी 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए 39,146 एकड़ भूमि ली है।
बहुराष्ट्रीय माइक्रोसॉ ट कंपनी ने भी सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए 60,000 एकड़ भूमि ली है। प्रापर्टी के कारोबार में आईएनजीकेए कंपनी ने 5,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए 47,833 एकड़ भूमि खरीदी है। इसके अलावा वेस्टवे इलेक्ट्रॉनिक्स, डिक्सन टेक्नोलॉजी, वीवोटेक्स प्रोजेक्ट, रोटो पंप्स लिमिटेड, अग्रवाल एसोसिएट्स, नेप्तुने सिस्टम, एडवर्ब टेकनोलॉजी, सुरभि ग्रुप, आइकिया सलूशन, यूं लेक्स लिमिटेड, केंट आरओ ने भी नोएडा में जमीन ली है। अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश सरकार के द्वारा साल 2018 में आयोजित इनवेस्टर समिट में हुए एमओयू में से करीब 60 फीसदी नोएडा जिले के लिए हुए हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सीमा पर गौतमबुद्ध नगर जिले के नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी नोएडा की स्थापना 17 अप्रैल, 1976 को हुई थी। तब से लेकर अब तक नोएडा में देश और विदेश के बड़े-बड़े निवेशक लगातार अपने कारखाने लगा रहे हैं। इन 45 वर्षों में नोएडा में 10,200 से अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं, जिनमें आठ लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। नोएडा में दो हजार से अधिक कॉल सेंटर हैं।
उत्तर प्रदेश के अर्थ एवं सं या विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति आय के मामले में गौतमबुद्धनगर जिला पूरे प्रदेश में सबसे आगे है। यहां पर प्रति व्यक्ति आय 6.71 लाख रुपये है जबकि प्रदेश की औसत प्रति व्यक्ति आय 66,512 रुपये है।
