लंबे अरसे के बाद अब उत्तर प्रदेश के शहरों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ में भी प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर के दोनो ओर औद्योगिक गलियारे विकसित करने का फैसला किया है।
प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही तेजी से विकसित हो रहे रक्षा गलियारे के चलते उद्योगों के लिए जमीन की मांग बढ़ी है। राज्य सरकार की योजना महोबा, लखनऊ, ललितपुर और रामपुर में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की है। इन शहरों में उद्योगों के लिए जमीन की मांग सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के करीब ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास अलीगढ़ में भी औद्योगिक क्षेत्र बसाएगी। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खुर्जा में पाटरी कांप्लेक्स भी विकसित करने की योजना है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत खुर्जा की पाटरी को शामिल किए जाने के बाद से इसकी मांग में खासा इजाफा हुआ है और नई तकनीक के पाटरी उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों की ओर से जमीन की मांग आ रही है। सभी नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का जिम्मा लघु उद्योग निगम को दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि नए औद्योगिक क्षेत्रों के साथ लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स भी बनाए जाएंगे। क्लस्टर योजना के तहत इन कांप्लेक्सों का निर्माण किया जा रहा है। आगरा सहित कई शहरों में इसका काम भी शुरू हो चुका है।
अलीगढ़ में जेवर अंतरर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से 49 किलोमीटर की दूरी पर यामई गांव में 150 एकड़ जमीन पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह औद्योगिक क्षेत्र रक्षा गलियारे के अलीगढ़ नोड से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर है। इस क्षेत्र की दूरी जीटी रोड से करीब है और यह दिल्ली से सीधे जुड़ा हुआ है। इस नए औद्योगिक क्षेत्र में रक्षा उपकरणों के साथ ही ताले व हार्डवेयर, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, कास्टिंग और पाउडर कोटिंग उद्योग की इकाइयों की स्थापना होने की संभावना है। अलीगढ़ में खासतौर पर ताला उद्योग के लैटेड फैक्टरी कांप्लेक्स भी विकसित किया जाएगा, जिसके जमीन चिह्नित कर ली गई है। उधर प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ में गोमती नदी को दोनो किनारों पर बनाए जा रहे ग्रीन कॉरिडोर के पास भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का फैसला किया है।
अधिकारियों का कहना है कि ग्रीन कॉरिडोर में बनने वाले औद्योगिक क्षेत्र में चिकन, आईटी व सेवा प्रदाता उद्योगों को जमीन दी जाएगी।
