देश भर में बुनियादी ढांचे का विकास महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। पंजाब में भी बुनियादी ढांचा उड़ान भरने के लिए तैयार है।
चंडीगढ़ हवाई अड्डे का घरेलू से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में उन्नयन, मोहाली में अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल का निर्माण, भटिंडा में नागर टर्मिनल बनाने के लिए केन्द्र की सैद्धान्तिक मंजूरी, राज्य सरकार और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) के बीच लुधियान में मेट्रो रेल परियोजना के लिए सहमति पत्र पर दस्तखत, मोहाली से फागवाड़ा तक एक्सप्रेसवे का निर्माण, कुछ ऐसी परियोजनाएं हैं, जो पंजाब की तस्वीर बदलने का माद्दा रखती हैं।
चालू वित्त वर्ष के दौरान पंजाब ने सड़क और पुलों के लिए 542.90 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। राज्य में सड़कों के विकास के लिए विश्व बैंक की 1500 करोड़ रुपये की परियोजना में सरकार ने 275 करोड़ रुपये का योगदान किया है। इसके अलावा सड़कों को चौड़ा करने और पुलों के निर्माण के लिए नाबार्ड की परियोजना में 200 करोड़ रुपये का अंशदान किया किया गया है।
राज्य सरकार ने पंजाब में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 440 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया है।राज्य में जो परियोजनाओं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं उनमें 62 किलो मीटर लंबी लुधियाना रिंग रोड, जालंधर रिंग रोड, मोहाली में रिंग रोड और शहरी कॉरीडोर तथा मोहाली और फागवाड़ा से आनंदपुर सहिब तक एक्सप्रेसवे का निर्माण शामिल है।
लुधियाना रिंग रोड का निर्माण बीओटी आधार पर किया जा रहा है और इसकी अनुमानित लागत 1516 करोड़ रुपये है। इसके अलावा अमृतसर, लुधियाना और अन्य स्थानों पर फ्लाइंग क्लब तथा अमूतसर, लुधियाना, जालंधर और पटियाला में सिटी बस परिवहन सेवा का विकास किया जाएगा।हाल में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और पंजाब सरकार ने मोहाली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किए थे।
इस प्रस्तावित हवाई अड्ड के लिए राज्य सरकार मोहाल में 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी। गुरु गोविंद सिंह भटिंडा रिफाइनरी के रफ्तार पकड़ने और विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम के बनने के साथ ही भटिंडा से भी वायु संपर्क स्थापित होने की संभावना बढ़ गई है। विदेशों में रह रहे पंजाबियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार एनआरआई हार्टलैंड दोरबा में सिविल टर्मिनल बनाने की कोशिश कर रही है।
राज्य सरकार ने डीएमआरसी के साथ लुधियाना में मेट्रो रेल परियोजना की स्थापना के लिए एक एमओयू पर दस्तखत भी किए हैं। अमृतसर और मोहाला में भी इसी तरह की रेल प्रणाली की स्थापना की जाएगी और इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इस सिलसिले में डीएमआरसी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रही है जिसके छह माह में तैयार होने की उम्मीद है।
डीपीआर मिलने के बाद परियोजना के निर्माण निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 3000 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को सार्वजनिक निजी साझेदारी या फिर बनाओ, चलाओ और सौंपों के आधार पर तैयार करने की योजना है। पहले चरण में मेट्रो नेटवर्क की लंबाई करीब 25 किलोमीटर रहेगी।
इसके अलावा पंजाब सरकार ने विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित पंजाब राज्य रोड़ क्षेत्र परियोजना के दूसरे चरण के तहत अपने 600 किलो मीटर लंबे रेल नेटवर्क के लिए निष्पादन के आधार पर ठेका जारी करने का फैसला किया है। इस प्रयासों के चलते राज्य में तेजी से ढांचागत विकास होने का अनुमान है। अमृतसर स्थित राजासंसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्ड के आधुनिकीकरण के लिए 23 कंपनियों ने इच्छा जताई है।
इन कंपनियों में जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर लि., अनिल अंबानी की रिलायंस एनर्जी, एलएंडटी, फ्रापोर्ट एजी, डीएस कर्सोर्टियम लि, यूनीटेक लि., अंसल प्रापर्टीज एंड इफ्रास्ट्रक्चर लि. और सिंगापुर की चांगी एयरपोर्ट शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि अमृतसर हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण देश के 35 गैर-मेट्रो हवाई अड्डों के उन्नयन कार्यक्रम का हिस्सा है। अमृतसर के अलावा उदयपुर हवाई अड्डे का भी पहले चरण में आधुनिकीकरण किया जाएगा।
अमृतसर स्थित राजासंसी हवाई अड्डा अमृतसर का एक मात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहां प्रति सप्ताह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या करीब 65 है। हाल के दिनों में अमेरिका और यूरोप में बसे पंजाबियों के लिए यह हवाई अड्डे काफी महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यूरोप और अमेरिका से उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के 50 प्रतिशत यात्री अमृतसर आते है। पिछले कुछ वर्षो के दौरान यात्रियों और उड़ानों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इस हवाई अड्डे की क्षमताओं को देखते हुए एएआई इसके विस्तार के लिए 77 से 100 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। पंजाब सरकार हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 44 एकड़ जमीन देने को तैयार है।