अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (एबीयूवीएम) ने देश में हाड़-तोड़ महंगाई के लिए केन्द्र सरकार की गलत नीतियों को दोषी ठहराया है।
व्यापार मंडल ने कहा है कि वायदा कारोबार, मूल्य वर्धित कर (वैट), फ्रिंज बेनिफिट कर (एफबीटी), सेवा कर और केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों के तहत लगाए गए अधिभार के कारण महंगाई बेकाबू हुई है।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष संदीप बंसल ने संवाददाताओं से कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियां महंगाई और आवश्यक जिंसों की कीमतों के बेकाबू होने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हालात के बेकाबू हो जाने के बाद अब केन्द्र सरकार अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रही है और सारा दोष कारोबारी समुदाय के सर मढ़ने रही है।
बंसल ने कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए आवश्यक जिंसों के वायदा कारोबार पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की खस्ताहाल इकाइयों के लिए तुरंत विशेष पुरोद्धार पैकेज दिया जाना चाहिए।
लखनऊ, मथुरा और अन्य स्थानों पर ऐसी इकाइयां हजारों की तादात में हैं। उन्होंने कहा कि इस इकाइयों को फिर से चालू करने से न सिर्फ लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि इससे राजकोष में करोड़ों रुपये का इजाफा भी होगा। उन्होंने व्यापारियों के लिए कर्ज माफी पैकेज की मांग भी की।