कोरोना संकट के दौर में उत्तर प्रदेश में अगस्त में राजस्व वसूली में सुधार के संकेत मिले हैं। प्रदेश सरकार ने बीते साल के मुकाबले इस साल अगस्त में राजस्व के मोर्चे पर 6.7 फीसदी की बढ़त हासिल की है।
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के मुताबिक कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन के बाद जुलाई और अगस्त से बढिय़ा संकेत मिलने लगे हैं। उनका कहना है कि अगस्त के महीने में जीएसटी, वैट, खनन, परिवहन व आबकारी सहित राजस्व के सभी मोर्चे पर वसूली बढ़ी है। वित्त मंत्री ने बताया कि बीते साल जहां अगस्त के महीने में प्रदेश सरकार को 8,942 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, वहीं इस साल यह 9,545 करोड़ रुपये रहा है।
राजस्व के आंकड़ों का खुलासा करते हुए वित्त मंत्री ने बाताया कि जीएसटी मद में पिछले साल अगस्त में 5,126.56 करोड़ रुपये मिले थे जो इस साल इसी महीने में बढ़कर 5,329.55 करोड़ रुपये हो गए हैं। इसी तरह वैट में पिछले साल अगस्त के 1,604.26 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल अगस्त में 1,831.60 करोड़ रुपये आए हैं। उन्होंने कहा कि अनलॉक शुरु होने के बाद प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। प्रदेश सरकार ने पहले के शनिवार और रविवार के दो दिनों का लॉकडाउन खत्म करते हुए अब सप्ताह में छह दिन सभी तरह की गतिविधियों को संचालित करने के इजाजत दे दी है। उनका कहना है कि औद्योगिक उत्पादन के मामले में यूपी ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
वित्त मंत्री के मुताबिक बीते साल अगस्त में आबकारी मद में 1,882.33 करोड़ रुपये आए थे, जबिक इस साल यह बढ़कर 2,310.27 करोड़ रुपये पहुंच गया है। इसी तरह खनन शुल्क के तौर पर बीते साल अगस्त के 109.56 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल 171.53 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है। प्रदेश सरकार ने इस साल अगस्त में स्टांप शुल्क के रुप में 1301.92 करोड़ आए और परिवहन कर मद में 431.91 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं।