पश्चिम बंगाल औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम की दो प्रस्तावित परियोजनाओं पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि डेवलपरों ने इन परियोजनाओं से हाथ खींच लिए हैं। इन दो परियोजनाओं में एक ऑटो पुर्जा पार्क और दूसरी लॉजिस्टिक हब है।
निगम ने इसके लिए रियल्टी, रिटेल और लॉजिस्टिक कंपनी के रहेजा कॉरपोरेशन के साथ गठजोड़ किया था, जिसके जरिए राज्य में 50 एकड़ जमीन पर लॉजिस्टिक पार्क का विकास किया जाना था।
निगम ने के रहेजा परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए 2008 के मध्य में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। निगम के मुख्य कार्य अधिकारी एस चौधरी ने बताया, ‘रहेजा ने इस परियोजना को लेकर आगे कोई उत्साह नहीं दिखाया है। यही वजह है कि हमने अभी तक जमीन का अधिग्रहण भी नहीं किया है। उन्हें इस परियोजना के लिए कोलकाता के पास 50 एकड़ जमीन की जरूरत थी।’
नैनो के सिंगुर से जाने के बाद इन परियोजनाओं, जो छोटी कारों से खासतौर पर जुड़ी हुई थीं, पर अनिश्चितता की तलवार लटक गई है। वहीं दूसरी ओर इस बारे में रहेजा के सूत्र कुछ और ही राग अलाप रहे हैं। उनका कहना है कि निगम इस परियोजना के लिए कंपनी को जमीन ही उपलब्ध नहीं करा सका।
उन्होंने बताया कि सिंगुर में जमीन को लेकर उठे विवाद के बाद निगम जमीन उपलब्ध नहीं करा पाया। रहेजा कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, ‘कोलकाता परियोजना से हमने हाथ खींच लिए हैं।’
उन्होंने बताया कि इस पार्क के विकास का मुख्य उद्देश्य टाटा मोटर्स की नैनो परियोजना के लिए मांग की पूर्ति करनी थी। इसे देखते हुए कंपनी सिंगुर के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के किनारे पार्क बनाने की तैयारी में थी।