facebookmetapixel
मोतीलाल ओसवाल ने इस डिफेंस शेयर पर लगाया बड़ा दांव, 32% रिटर्न का अनुमानMRF Q2FY26 results: मुनाफा 12% तक बढ़ा, ₹3 के अंतरिम डिविडेंड का किया ऐलानथोक से खुदरा तक तेजी से गिरी महंगाई दर – आखिर क्या हुआ अक्टूबर में?आंध्र प्रदेश में 10 साल में ₹1 लाख करोड़ का निवेश करेगा अदाणी ग्रुप: करण अदाणीCapillary Technologies IPO: सॉफ्टवेयर कंपनी का आईपीओ खुला, अप्लाई करना ठीक रहेगा या करें अवॉइड ?Tata Steel के Q2 रिजल्ट के बाद ब्रोकरेज एक्टिव; मोतीलाल ओसवाल ने ₹210 का अपसाइड टारगेट दियाInfosys के ₹18,000 करोड़ के ‘बायबैक’ की रिकॉर्ड डेट आज: जानें निवेशक कब कर पाएंगे शेयर टेंडरGold Price Today: सोना ₹1.27 लाख के करीब, चांदी में 500 रुपये की तेजी; जानें ताजा भावIndiGo पर ₹5,700 लगाकर ₹24,300 तक कमाने का मौका! HDFC सिक्योरिटीज ने बताई दमदार बुल स्प्रेड स्ट्रैटेजीमुफ्त योजनाएं भारत के रुपये को बना रहीं कमजोर: क्रिस्टोफर वुड की रिपोर्ट

मायाराज में महंगा होगा अपने घर का सपना

Last Updated- December 08, 2022 | 3:08 AM IST

मंदी की आंच अब उत्तर प्रदेश में आशियाने की चाह रखने वालों पर भारी पड़ने वाली है।


इसी साल के छह महीनों के आंकड़े देख कर माया सरकार ने अब भवन और भूखंडो की रजिस्ट्री को फिर से मंहगा करने का मन बना लिया है।

जानकार सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक अब ढाई लाख से ऊपर के भूखंड खरीदने वालों को तो दाम का दो फीसदी ही रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी पर इससे ऊपर की सीमा वालों के लिए यह राशि बढ़ाकर दस हजार रुपये किए जाने का फैसला लिया जा रहा है।

ऐसा फैसला रजिस्ट्रेशन शुल्क में कमी के बाद भी इस मद में जमा होने वाली राशि के न बढ़ने की दशा में लिया जा रहा है। गौरतलब है कि इस वित्तीय साल की शुरुआत में ही राज्य सरकार ने रजिस्ट्री शुल्क में भारी कटौती करके मध्य वर्ग को राहत देने का फैसला लिया था।

सरकार का लक्ष्य इस साल ही रजिस्ट्रेशन शुल्क से 5770 करोड़ रुपये पाने का लक्ष्य रखा गया था पर अभी तक इस मद में आधी राशि भी जमा नहीं हो सकी है। सितंबर माह की समाप्ति पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में कुल 2600 करोड़ रुपये जमा हो सके हैं। इस तरह से अब तक इस मद में राजस्व प्राप्ति में सरकार को 280 करोड़ का घाटा हो चुका है।

यह हाल तब है जबकि सरकार ने अप्रैल महीनें में रजिस्ट्रेशन शुल्क में भारी कटौती की थी। हालांकि पूछे जाने पर सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि रजिस्ट्रेशन शुल्क को घटाते समय इसकी समीक्षा छह महीने में करने का प्रावधान किया गया था। अब रजिस्ट्रेशन शुल्क में अपेक्षित बढ़त न होने पर इसकी दरों को पुनरीक्षित करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।

First Published - November 14, 2008 | 9:38 PM IST

संबंधित पोस्ट