मंदी की आंच अब उत्तर प्रदेश में आशियाने की चाह रखने वालों पर भारी पड़ने वाली है।
इसी साल के छह महीनों के आंकड़े देख कर माया सरकार ने अब भवन और भूखंडो की रजिस्ट्री को फिर से मंहगा करने का मन बना लिया है।
जानकार सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक अब ढाई लाख से ऊपर के भूखंड खरीदने वालों को तो दाम का दो फीसदी ही रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी पर इससे ऊपर की सीमा वालों के लिए यह राशि बढ़ाकर दस हजार रुपये किए जाने का फैसला लिया जा रहा है।
ऐसा फैसला रजिस्ट्रेशन शुल्क में कमी के बाद भी इस मद में जमा होने वाली राशि के न बढ़ने की दशा में लिया जा रहा है। गौरतलब है कि इस वित्तीय साल की शुरुआत में ही राज्य सरकार ने रजिस्ट्री शुल्क में भारी कटौती करके मध्य वर्ग को राहत देने का फैसला लिया था।
सरकार का लक्ष्य इस साल ही रजिस्ट्रेशन शुल्क से 5770 करोड़ रुपये पाने का लक्ष्य रखा गया था पर अभी तक इस मद में आधी राशि भी जमा नहीं हो सकी है। सितंबर माह की समाप्ति पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में कुल 2600 करोड़ रुपये जमा हो सके हैं। इस तरह से अब तक इस मद में राजस्व प्राप्ति में सरकार को 280 करोड़ का घाटा हो चुका है।
यह हाल तब है जबकि सरकार ने अप्रैल महीनें में रजिस्ट्रेशन शुल्क में भारी कटौती की थी। हालांकि पूछे जाने पर सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि रजिस्ट्रेशन शुल्क को घटाते समय इसकी समीक्षा छह महीने में करने का प्रावधान किया गया था। अब रजिस्ट्रेशन शुल्क में अपेक्षित बढ़त न होने पर इसकी दरों को पुनरीक्षित करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।