दिल्ली और मुंबई से उपजे नकारात्मक रुझानों की वजह से भोपाल के रियल एस्टेट बाजार में मंदी की स्थिति पैदा हो गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में ऋण दरों में कटौती की घोषणा की है लेकिन इसके बावजूद प्रापर्टी बाजार सुस्त पड़ा हुआ है और इसमें कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। भोपाल में बिल्डरों का कहना है कि आवास ऋण दरों में कटौती के बाद कई उपभोक्ताओं ने प्रॉपर्टी बाजार के बारे में नए सिरे से पूछताछ की है लेकिन कुछ ही उपभोक्ताओं ने प्रॉपर्टी की खरीदारी में अपनी रुचि दिखाई जबकि अधिकांश उपभोक्ता मंदी के डर से प्रॉपर्टी बाजार से दूर ही हैं।
निवेशकों की कमी और वास्तविक ग्राहकों की अधिकता के कारण भोपाल में प्रॉपर्टी की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। यहां के बिल्डर्स मेट्रों शहरों की तरह भारी डिस्काउंट का ऑफर नहीं देते हैं बल्कि कम मार्जिन के साथ ही अपनी दुकान चलाते हैं।
शहर की एक रियल एस्टेट कंपनी से जुड़े मनोज मीक ने बताया, ‘महाराणा प्रताप नगर जैसे वाणिज्यिक क्षेत्रों में कमर्शियल स्पेस 8000 से 10,000 रुपये प्रति वर्ग फीट की रेंज में उपलब्ध है।’ वह शहर के किसी प्रमुख क्षेत्र में एक नई आवासीय परिसर विकसित करने की योजना बना रहे हैं जहां वे तीन बेडरूम आवास के लिए 29 से 50 लाख रुपये की रेंज की पेशकश करेंगे।
डेवेलपर्स को उम्मीद है कि बाजार में मंदी की मौजूदा स्थिति लंबे समय तक नहीं बने रहने वाली है। खरीदार भी सही समय के इंतजार में हैं। शहर के पॉश आवासीय परिसर के प्रोमोटर कमलेश कुमार ने बताया, ‘नकारात्मक रुझानों ने बाजार में सुस्ती ला दी है। पिछले साल के मुकाबले बाजार 20 फीसदी तक नीचे पहुंच गया है। सरकार द्वारा ऋण दरों में कटौती भी ग्राहकों को बहुत ज्यादा लुभा नहीं पा रही है और उपभोक्ता और कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।’
उन्होंने यह भी बताया कि वाणिज्यिक और आवासीय जमीन की कीमतों में तेजी नहीं आई है और महाराणा प्रताप नगर में प्रॉपर्टी की कीमत 5000 रुपये प्रति वर्ग फीट के आसपास है। हालांकि कुमार का कहना है कि भोपाल में जमीन की कीमतें अन्य राज्य की राजधानियों की अपेक्षा अभी भी कम हैं।
यहां ई-8 अरेरा कॉलोनी एक्सटेंशन जैसे पॉश इलाकों में जमीन की कीमत 300 रुपये प्रति वर्ग फीट से 1200 रुपये प्रति वर्ग फीट की रेंज में उपलब्ध है। शहर के डेवेलपरों के पास औसतन 20 से 25 ग्राहक प्रतिदिन प्रापर्टी कीमतों के बारे में पूछताछ करने आते हैं लेकिन प्रापर्टी की कीमतें अभी भी उनकी पहुंच से बाहर है।
मनोज अग्रवाल ने बताया, ‘महाराणा प्रताप नगर जैसे वाणिज्यिक इलाके में दो बेडरूम के फ्लैट के लिए 30 लाख रुपये निवेश करने का कोई मतलब ही नहीं बनता है।’ बहरहाल, मंदी ने भोपाल के प्रापर्टी बाजार को अपने बाहुपाश में कसना शुरू कर दिया है।
भोपाल जब तक यहां के व्यापारियों और रियल एस्टेट कंपनियों को भारी मुनाफे का वादा नहीं करता है, तब तक यहां के खरीदार बाजार से दूर ही रहेंगे।