इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत के विवादास्पद मुद्दे पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा है।
अरुण टंडन और दिलीप गुप्ता वाली खंडपीठ ने कहा है कि आदेश 1 दिसबंर को पारित किया जाएगा। इस साल 4 नवंबर को भारतीय चीनी मिल एसोसिएशन (आईएसएमए) ने राज्य द्वारा तय मूल्य (सैप) में रिकार्ड कीमत बढ़ोतरी को चुनौती दी थी।
सैप की घोषणा 18 अक्टूबर को की गई थी। नई कीमतें पिछले साल के मुकाबले प्रति क्विंटल 15 रुपये अधिक हैं। आईएसएमए 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को गन्ना कीमत का भुगतान करने पर सहमत हो गया था।
शुरुआत में न्यायालय ने सैप पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया था। राज्य सरकार ने अपने तर्क में कहा कि गन्ने की कीमत तय करने से पहले उसने सभी स्टेकहोल्डरों को सुनने और सभी प्रासंगिक डेटा का ध्यान में रखा था।
2008-09 के पेराई मौसम के लिए राज्य सरकार ने गन्ने की रिजेक्टेड किस्म के लिए 137.50 रुपये प्रति क्विंटल, सामान्य किस्म के लिए 140 रुपये प्रति क्विंटल प्रति क्विं सैप तय किया था।