उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में नैनी सैणी हवाईअड्डे की विकास प्रक्रिया पर एक बार फिर ब्रेक लग गया है।
राज्य सरकार ने तकनीकी आधार पर एक निजी डिजाइन सलाहकार कंपनी को काम पर रखे जाने की निविदा प्रक्रिया रद्द कर दी है। प्रदेश के मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने बताया, ‘कुछ तकनीकी कारणों से हम लोगों ने निविदा प्रक्रिया रद्द कर दी है।’
सरकार नैनी सैणी हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण और उन्नयन के लिए 45 करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छुक है। हालांकि सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार हवाईअड्डे के विकास का जिम्मा अपनी नवगठित कंपनी उत्तराखंड अधोसंरचना निगम को सौंप सकती है।
नागरिक विमानन विभाग ने नैनी सैणी हवाईअड्डे का डिजाइन सुझाने के लिए विभिन्न कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की थी। मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद इंजीनियरिंग परामर्शदाता और परियोजना प्रबंधक के रूप में सरकार की पहली पसंद राइट्स थी। लेकिन एक निजी कंपनी एयरपोर्ट प्लानर ऐंड डिजाइन ने निविदा प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगा दिया।
कंपनी ने कहा कि उसने राइट्स से कम दरों पर निविदा पेश की थी। बाद में उस कंपनी ने इस मामले को अदालत में ले जाने की धमकी दी। इस मामले को ज्यादा तूल पकड़ते देख सरकार ने पूरी निविदा प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया।