मध्य प्रदेश में पाइरेसी के खिलाफ अभियान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:31 PM IST

इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री ने मध्य प्रदेश में पाइरेसी के खिलाफ अभियान छेड़ने का फैसला किया है।


पाइरेटड सीडी और बिना लाइसेंस के स्टेज परफार्मेंस ने राज्य के 40 करोड़ रुपये कारोबार वाले संगीत उद्योग को खोखला कर दिया है। प्रसारण अधिकारों का लाइसेंस देने के उद्देश्य से 1936 में भारतीय फोनोग्राफिक इंडस्ट्री का गठन किया गया था।


इसका नाम 1994 में बदलकर इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री (आईएमआई) कर दिया गया। आईएमआई पाइरेसी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मेट्रो शहरों के साथ-साथ ही भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे छोटे शहरों में भी शुरू करेगा।


इसके लिए आईएमआई ने पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीटयूट में एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया है।


आईएमआई के अध्यक्ष वी जे लेजारस ने कहा है कि ‘पुलिस के पास उन लोगों से निपटने की नीतियां नहीं है जो बाजारों को पाइरेटेड सीडियों से भर रहे है।


हमारा मकसद लोगों और पुलिस दोनों को पाइरेसी से संबधित कानूनों से अवगत कराना है।’


आईएमआई ने भोपाल और इंदौर में अपने कार्यकारियों को नियुक्त करने के साथ ही अन्य छोटे शहरों में भी अपने प्रतिनिधियों को नियुक्त करने की बात कही है।


ये कार्यकारी सांउड रिकार्डिग, कंपोजिंग और गाने के बोलों को फिर से प्रयोग करने के लिए लाइसेंस जारी करेंगे।

First Published : March 11, 2008 | 8:20 AM IST