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नए रंग में रंगने के लिए तैयार है बापू की खादी

Last Updated- December 07, 2022 | 10:42 PM IST


खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) 1957 में अपनी स्थापना के बाद से ही ग्रामीण इलाकों में खादी और अन्य उद्योगों के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन, प्रोत्साहन आदि में लगा हुआ है। आयोग ने ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के क्रम में युवाओं के लिए आत्मनिर्भर और ग्रामोद्योग गतिविधियां शुरू किए जाने की योजना बनाई है।


केवीआईसीलखनऊ के मुख्य कार्यकारी जे एस मिश्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘उत्तर प्रदेश देश का प्रमुख राज्य है और इसकी बड़ी आबादी को विभिन्न सेवाओं, फंड और केंद्र सरकार की विशेष स्कीम का बड़ी मात्रा में लाभ हासिल करने का हक प्राप्त है।’ उन्होंने कहा कि पूरे देश में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के लिए इस योजना पर अनुमानित रूप से कुल 15,000 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। इस योजना का उद्देश्य पूरे देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में 2008-09 से 2011-12 के बीच रोजगार के 37 लाख अतिरिक्त अवसर सृजित करना है।


आयोग लगभग 2500 गांधी आश्रमों के साथ पूरे राज्य में केवीआईसी के तहत ‘ए’ श्रेणी के रिटेल आउटलेट शुरू कर रहा है। इन आउटलेटों में खादी परिधान और रेडी टु वियर उत्पादों के अलावा शहद, हाथ से बने कागज, शैम्पू, साबुन और चर्म उत्पाद भी उपलब्ध होंगे। मिश्रा ने कहा, ‘समय के साथ तालमेल रखते हुए हम अपने पारंपरिक नजरिए में बदलाव ला रहे हैं और ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक नए उत्पाद बना रहे हैं।’ वैश्विक प्रतिस्पर्धा की क्षमता हासिल करने के लिए केवीआईसी प्रौद्योगिकी उन्नयन, विपणन सुविधाओं और सहायक बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दों पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।


केवीआईसी का सालाना कारोबार 16,000 करोड़ रुपये का है। आयोग का लक्ष्य 2012 तक उत्पादन दोगुना करना और 200,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना है। अगले चार साल में लगभग 1000 करोड़ रुपये के सामानों का निर्यात होने की उम्मीद है। आयोग ने 9.5 फीसदी से अधिक की विकास दर हासिल करने की भी योजना बनाई है। यह उद्योग क्षेत्र फिलहाल तकरीबन 7 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है। केवीआईसी देश भर में ‘खादी मॉल्स’ विकसित किए जाने की भी योजना पर विचार कर रहा है। संभावना है कि ये मॉल ‘खादी प्लाजा’ नाम से बनाए जा सकते हैं। इन मॉल में खादी उत्पादों के साथ ही साथ शहद, हाथ से बने


कागज, शैम्पू और चर्म उत्पाद भी उपलब्ध होंगे।

First Published - October 1, 2008 | 11:32 PM IST

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