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बिहार पंचायत चुनाव में स्वचालित मतगणना

Last Updated- December 11, 2022 | 11:57 PM IST

कृत्रिम मेधा (एआई) के क्रियान्वयन में काम करने वाली कंपनी स्टैक्यू ने घोषणा की है कि वह बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर वहां चल रहे पंचायत चुनावों की मतगणना को स्वचालित बनाने जा रही है। यह अपनी तरह का अनूठा कदम होगा। स्टैक्यू उन्नत कृत्रिम मेधा से सक्षम अपने वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम जारविस की मदद से यह गणना करेगी। इसके लिए मतगणना केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की स्क्रीन पर कैमरे की मदद से नजर रखकर गणना की जाएगी। जारविस वीडियो मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर और वीडियो एनालिटिक्स तकनीक की मदद से खुद को हर मतगणना केंद्र पर मौजूद सीसीटीवी कैमरों से जोड़ेगी ताकि स्मार्ट मॉनिटरिंग और विश्लेषण किया जा सके।
बिहार के राज्य निर्वाचन आयाुक्त दीपक प्रसाद ने कहा, ‘पंचायत चुनाव हमेशा बहुत बड़े चुनाव होते हैं। पंचायतों और प्रत्याशियों की हर बार बढ़ती तादाद देखते हुए हमें लगा कि सबसे अच्छा यही होगा कि मतगणना प्रक्रिया को स्वचालित बनाया जाए। हम स्टैक्यू की जारविस तकनीक के साथ जुड़कर प्रसन्न हैं जो इस प्रक्रिया में हमारी मदद कर सकती है और यह सुनिश्चित कर सकती है कि चुनाव की प्रक्रिया निष्पक्ष और बिना गलती के संपन्न हो। हमारी कोशिश होगी कि बिना किसी गलत गणना के चुनाव सफल और सुरक्षित ढंग से संपन्न हों।’
बिहार पंचायत चुनाव के दौरान जारविस वोटिंग मशीन में देखकर यह गिनेगा कि हर प्रत्याशी को कितने वोट मिले हैं। वह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज नतीजों के साथ उनका मिलान करेगा और यदि कोई अंतर पाया जाता है तो इसकी जानकारी देगा। इस प्रकार कैमरों की मदद से किसी भी तरह के अंतर पर नजर रखी जाएगी। यह पहला मौका है जब किसी चुनाव में मतगणना के काम में कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल किया जाएगा।
स्टैक्यू के सीईओ और सह-संस्थापक अतुल राय कहते हैं, ‘स्टैक्यू वास्तविक दिक्कतों को दूर करने में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। वह यह सुनिश्चित करती है कि इस दौरान उच्चतम स्तर की सुरक्षा बरती जाएगी और पहले हाथ से किए जाने वाले काम को स्वचालित ढंग से पूरा किया जाए। इससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।’
फिलहाल स्टैक्यू का इस्तेमाल देश में 50 से अधिक संस्थानों में किया जा रहा है जिनमें नीति आयोग, भारतीय सेना, आठ पुलिस बल शामिल हैं। इसके अलावा पश्चित एशिया के देशों तथा टाटा, लार्सन ऐंड टुब्रो, माइक्रोसॉफ्ट, एंबेसी समूह, रिबेल फूड आदि निजी कंपनियों में भी इसका इस्तेमाल होता है।

First Published - October 27, 2021 | 10:55 PM IST

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