उत्तरी भारत में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने सिर्फ गर्मी से ही राहत नहीं दिलायी है। इस बारिश ने आगामी फसल के लिए अमृत का काम किया है।
सब्जियों के मुरझाए फूलों में भी ताजगी आ गयी है। किसान कहते हैं कि थोड़ी और बारिश हो गयी तो खरीफ फसलों की बुवाई के लिए उनका काम आसान हो जाएगा। इधर मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को भी उत्तरी भारत के विभिन्न इलाकों में बारिश होने की संभावना है। दिल्ली में मंगलवार को 11 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विशेषज्ञ डा. एसपी भान ने बताया कि यह बारिश न तो मानसून की बारिश है और न ही ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हो रही है। जैसा कि लोग प्रचार कर रहे हैं। मानसून के आने से पहले इस प्रकार की बारिश होती है। और इसे ‘समर रेन’ के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने बताया कि उत्तरी भारत में मानसून का आगमन जून महीने के अंतिम सप्ताह में होता है। अमूमन एक जून को मानसून केरल के तट पर आता है। लेकिन इस बार तीन दिन पहले यानी कि 29 मई को मानसून के केरल तट पर आने की संभावना है। उनके मुताबिक पिछले दो दिनों में उत्तरी भारत के विभिन्न इलाकों में 5-15 मिलीलीटर की बारिश हुई है।
इस बारिश ने किसानों का दिल खुश कर दिया है। गाजियाबाद के रईसपुर गांव के किसान राजबीर सिंह कहते हैं, ‘यह बारिश सब्जी से लेकर फसल तक के लिए फायदेमंद है। साथ ही जानवरों को खिलाए जाने वाले चारे को भी इस बारिश से काफी लाभ मिलेगा।’ 15 जून से 15 जुलाई के दौरान खेतों में खरीफ फसल की बुवाई होती है। इससे पहले किसान धान के पौधों को तैयार करते हैं। जिसे नर्सरी तैयार करना कहा जाता है।
किसानों के मुताबिक दो दिनों की इस बारिश से नर्सरी तैयार करने में काफी मदद मिलेगी। मुजफ्फरनगर के किसान अशोक बालियान कहते हैं, ‘बारिश से बैगन, गोभी, तोरी व अन्य सब्जियों के मुरझाए फूल फिर से खिल गए हैं। इससे किसानों को भी लाभ होगा और आम लोगों को भी।’ उन्होंने बताया कि फिलहाल कोई भी फसल खेत में नहीं है। गेहूं पूर्ण रूप से हट चुका है। जो कुछ गन्ने खेत में है उन्हें इस बारिश से फायदा ही होगा। मौसम विभाग इस बार अच्छे मानसून की संभावना व्यक्त कर चुका है।
गत सोमवार को हरियाणा के हिसार में 6.8 मिलीमीटर, रोहतक में 7.6 मिमी तो करनाल में सबसे अधिक 20.1 मिलीमीटर बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश के कालपा में 0.8 मिलीमीटर, भुंतर में 0.2 मिमी, सुंदरनगर में 0.5 मिमी, उत्तर प्रदेश के बरेली में 0.4 मिमी तो उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों में 0.6-2.5 मिमी तक बारिश हुई।