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मंदी से सब हलकान

Last Updated- December 07, 2022 | 11:41 PM IST

अमेरिका एवं यूरोप में छाई मंदी का असर भारत के टेक्सटाइल उद्योग पर साफ तौर पर दिखने लगा है।


विदेशी मांग के साथ घरेलू मांग में आई कमी के कारण पिछले छह माह के दौरान दक्षिण भारत की 15 फीसदी स्पिनिंग इकाइयां बंद हो चुकी हैं और पूरे भारत में यह आंकड़ा 25 फीसदी तक पहुंच चुका है।

इसके अलावा ऋण संकट एवं कपास के मूल्य में हुई बढ़ोतरी से भी टेक्सटाइल उद्योग को भारी झटका लगा है। जानकारों के मुताबिक टेक्सटाइल उद्योग में आगामी एक साल तक मंदी के बादल छाए रहेंगे।

कनफेडरेशन ऑफ टेक्सटाइल इंडस्ट्री के पदाधिकारियों का कहना है कि यह उद्योग इन दिनों चौतरफा मार का शिकार हो चुका है। अमेरिका एवं यूरोप भारतीय टेक्सटाइल उद्योग का सबसे बड़ा बाजार है। लेकिन वहां छायी मंदी के कारण पिछले 7 महीनों के दौरान टेक्सटाइल निर्यात में काफी गिरावट आ चुकी है।

अकेले अमेरिका में इस दौरान 3 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। इसके अलावा टेक्सटाइल निर्यातकों को जो 4 फीसदी की अतिरिक्त रियायत दी जाती थी वह भी वापस ले ली गयी है। इससे भी निर्यातकों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कपास के मूल्य में बढ़ोतरी के कारण छोटे उद्यमी इसकी खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं।

कनफेडरेशन के अध्यक्ष डीके नायर कहते हैं, ‘सब प्राइम संकट के कारण बैंक लोन देने के मामले में काफी सावधान हो गया है। साथ ही ब्याज की दर भी 14-15 फीसदी तक हो गयी है। ऐसे में छोटे उद्यमी इकाई बंद करने में ही भलाई समझ रहे हैं। हैंडलूम एवं पावरलूम से जुड़े उद्यमियों पर यह संकट और गहरा गया है।’

नायर कहते हैं कि टेक्सटाइल उद्यमियों के लाभ का मार्जिन 3-4 फीसदी तक रह गया है ऐसे में वे 14-15 फीसदी की दर से ब्याज कहां से अदा कर पाएंगे। अंतरराष्ट्रीय मांग के साथ घरेलू मांग में भी गिरावट आयी है। इस कारण कई इकाइयों ने अपने काम की अवधि को कम कर दिया है या महीने में 15 दिन ही काम कर रहे हैं।

इससे कताई मिलों में काम करने वाले श्रमिकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। दक्षिण भारत में तो इस कारण कई बुनकरों की आत्महत्या की खबर भी आ चुकी है। कनफेडरेशन के मुताबिक मंदी की स्थिति अभी बनी रहेगी और कम से कम एक साल तक इसमें कोई सुधार नहीं होने जा रहा है।

कपड़े पर गिरी गाज

विदेशी मांग घटने से बंद हुई  15 फीसदी स्पिनिंग इकाइयां
कर्ज मिलने में मुश्किल और कपास की कीमतों में बढ़ोतरी से समस्या हुई विकराल
अमेरिका को किया जाने वाला  निर्यात पिछले 7 महीनों में 3 फीसदी से अधिक घटा

First Published - October 10, 2008 | 9:52 PM IST

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