‘घर’ के नए कप्तान की पुरानी पारी का लेखा-जोखा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 6:08 AM IST

वित्त मंत्री के तौर पर पी चिदंबरम के पिछले 54 महीनों के कार्यकाल के दौरान भारत ने उच्च विकास दर का दौर देखा है।


पिछले तीन वर्षों के दौरान लगातार 9 प्रतिशत से अधिक की विकास दर दर्ज की गई है। इस सरकार के राजस्व संग्रह में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई।

हालांकि कच्चे तेल की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच जाने और सरकार द्वारा की गई कुछ लोक लुभावन घोषणाओं के चलते पिछले चार वर्षो के दौरान हासिल की गई उपलब्धियां आखिरी साल में हाथ से फिसलती हुई नजर आईं।

कर नीतियों के मोर्चे पर चिदंबरम की पहल से राजस्व संग्रह में कर वृद्धि की संचयी वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 22 प्रतिशत रही है।

उन्होंने कर प्रशासन को अधिक कार्यकुशल बनाया और फ्रिंज बेनिफिट कर, नकद आहरण कर और प्रतिभूति लेनदेन कर जैसे नए करों को लागू किया। चिदंबरम ने कई नई सेवाओं को सेवा कर के दायरे में शामिल किया।


इसके अलावा पिछले तीन वर्षो के दौरान राज्यों द्वारा सफलतापूर्वक मूल्यवर्धित कर को लागू करना भी एक प्रमुख उपलब्धि रही है।

कर नीति के मोर्चे पर चिदंबरम ने सेनवैट की कर दरों को एक कर दिया। यह वस्तुओं और पर सेवाओं पर लगने वाला कर है।

इस तरह वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान कर लागू हुआ। यह वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।
कर संग्रह में वृद्धि से वित्तीय और राजस्व घाटे को मार्च 2008 तक राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन कानून के दायरे में रखने में मदद मिली।


वित्त वर्ष 2003-04 के दौरान वित्तीय घाटा 4.5 प्रतिशत था जिसे चालू वित्त वर्ष के दौरान 3 प्रतिशत के स्तर पर लाने का लक्ष्य तय किया गया था।

लेकिन छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, कर्ज माफी जैसे लोकलुभावन फैसलों और आर्थिक मंदी ने वित्त मंत्री के काम को मुश्किल बना दिया है।

शुरुआती अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान केंद्र का वित्तीय घाटा 4.49 प्रतिशत के करीब रह सकता है।

वर्ष दर वर्ष आधार पर राजस्व व्यय की वृद्धि दर महज 12.69 प्रतिशत रही है लेकिन पूंजीगत व्यय में उनके कार्यकाल के दौरान 3.2 प्रतिशत की वार्षिक कमी दर्ज की गई।


पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयर बाजार में भारी निवेश किया और प्राइवेट इक्विटी कंपनियों ने भी इस वृद्धि में बराबर योगदान दिया।

First Published : December 1, 2008 | 9:03 PM IST