मौजूदा आर्थिक मंदी से भले ही विभिन्न क्षेत्रों में उथल-पुथल मची हो लेकिन पंजाब का ऑटोमोबाइल सेक्टर इससे विचलित होता नहीं दिख रहा है।
ऋण की किल्लत और वित्तीय मंदी के बावजूद पंजाब में छोटी और मझोली कारों की मांग पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है, जबकि यहां लक्जरी कारों की बिक्री में वृध्दि दर्ज की गई है।
पंजाब में मारुति सुजुकी ने पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल-नवंबर महीने के दौरान बिक्री में 5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है और कंपनी उम्मीद जता रही है कि वर्तमान वित्त वर्ष में भी इतनी ही वृध्दि दर्ज की जाएगी।
हुंडई मोटर्स ने भी पिछले साल के मुकाबले इस साल जनवरी-नवंबर के दौरान 14.37 फीसदी की वृध्दि दर्ज की है। टाटा मोटर्स के सूत्रों ने बताया कि इस साल अप्रैल-नवंबर के दौरान कंपनी ने 10 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की है। कंपनी ने पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है।
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि ‘हाल ही में ब्याज दर में की गई कटौती और सेनवैट (केंद्रीय उत्पाद शुल्क) में 4 फीसदी की कमी की वजह से हम लोग यह उम्मीद जता रहे हैं कि दिसंबर तक बिक्री में 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज कर सकेंगे।’
होंडा मोटर्स ने भी पंजाब के बाजार में वृध्दि दर्ज की है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि क्रेडिट में कमी और उच्च ब्याज दर के बीच कारों की बिक्री पर बहुत ज्यादा प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है।
पंजाब लक्जरी कार के बड़े बाजार के तौर पर उभर रहा है। ताई-पैन ट्रैडर्स (मर्सिडीज-बेंज की बिक्री और सेवा इकाई) के प्रबंध निदेशक मनजीत सिंह बाला ने बताया, ‘आर्थिक मंदी ने बिक्री पर प्रतिकूल असर नहीं डाला है।
पिछले साल हम लोगों ने पंजाब में 175 कारों (जनवरी-दिसंबर) की बिक्री की थी और इस साल अभी तक 280 कारें बिक चुकी हैं। हमें लगता है कि ब्याज दरों में कटौती से बिक्री में और तेजी आएगी।’
बीएमडब्लू कारों की बिक्री करने वाले कृष्ण ऑटोमोबाइल के साझेदार सचित पासी ने बताया कि वे इस साल के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब में पिछले साल 147 बीएमडब्लू कारों बिकीं थीं और उम्मीद है कि इस साल हम बिक्री के लिहाज से 250 कारों के आंकड़े को छू लेंगे।