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स्टेट बैंक ऑफ पटियाला लघु उद्योगों से करेगा बात

Last Updated- December 06, 2022 | 1:03 AM IST

स्टेट बैंक ऑफ पटियाला अब स्थानीय स्तर पर लघु एवं छोटे उद्योगों (एमएमई) से सीधा संपर्क साधेगा।


इसके तहत एसएमई की जरूरतों को समझने के लिए बैंक की जिला स्तर पर इंडस्ट्री असोसिएशनों से बात करने की योजना है। इसके अलावा बैंक विशुध्द औद्योगिक इकाइयों की जरूरतों को समझने के लिए की जरूरतों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करेगा।


इस रणनीति को बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अगली बैठक में मंजूरी मिलने की अनुमति है। बैठक अगले हफ्ते होने की संभावना है।पुरानी तकनीक और इन तकनीकों के नवीनीकरण के लिए फंडों के अभाव की वजह से पंजाब में मौजूद ज्यादातर लघु उद्योग इकाइयों की हालत काफी खराब है। बैंक ने लघु एवं छोटे उद्योगों की वित्तीय जरूरतों को समझने के लिए स्थानीय उद्यमियों के ग्रुप से बातचीत का प्रस्ताव किया है।


बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कवायद से वित्तीय मदद के लिए उद्यमियों का चयन करने में काफी सुविधा होगी। इस वजह से बैंकों का वक्त भी बचेगा और साथ ही इस प्रक्रिया में होने वाली परेशानी से भी बचा सकेगा। अधिकारी के मुताबिक, यह पहल बैंक और लोन के इच्छुक उद्यमियों दोनों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी।


अधिकारी ने बताया कि बैंक की पूरे देश में 800 शाखाएं हैं। पंजाब में बैंक की कुल 350 शाखाएं हैं। इस राज्य में लघु एवं छोटे उद्योग की तकरीबन 20 हजार इकाइयां हैं और इनमें से ज्यादातर इकाइयों को अपने विस्तार के लिए फंड की सख्त जरूरत है। नए बैंक इस सेक्टर की जरूरतों को पूरा करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। इस पहल के जरिये बैंक स्थानीय उद्यमियों की जरूरतों की पहचान करने में सक्षम होगा, जिसके बाद इनकी सहायता करना ज्यादा आसान होगा।


यह कदम बिजनेसों की पहचान करने और उन्हें आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। साथ ही बैंकों का इंडस्ट्री असोसिएशनों और अन्य लोगों से सीधा संपर्क भी कायम होगा। बैंक का इरादा न सिर्फ लघु एवं छोटे उद्योगों के मामले में इस योजना को लागू करना है, बल्कि कार लोन, होम लोन, कृषि वित्त आदि क्षेत्रों में ऐसी कवायद की जाएगी।


चंडीगढ़ इंडस्ट्री असोसिएशन ने बैंक की इस पहल का स्वागत किया है। असोसिएशन का कहना है कि इसके जरिये उद्योग और व्यापार जगत को काफी फायदा पहुंचेगा। असोसिएशन के मुताबिक, बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधा संपर्क होने की वजह से बैंक इंडस्ट्री की वित्तीय जरूरतों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे, जिससे फंड प्राप्त करना काफी आसान हो जाएगा।

First Published - May 1, 2008 | 11:08 PM IST

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