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उड़ीसा मांगे दो और मिनी टूल रूम

Last Updated- December 06, 2022 | 1:03 AM IST

उड़ीसा के लघु और छोटे इंटप्राइजेज सेक्टर में इंजीनियरिंग उपकरणों की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है।


इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएमएसएमई) मंत्रालय के पास दो प्रस्ताव भेजे हैं। इनमें राज्य में दो मिनी टूल रूप स्थापित करने की बात कही गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने हाल मे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत देशभर में मिनी टूल रूम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।


इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने मंत्रालय को यह प्रस्ताव भेजा है।उड़ीसा सरकार ने राज्य के पारालखमुंडी और चौद्वारा में मिनी टूल रूम बनाने का प्रस्ताव किया है। इन इलाकों को राज्य के लघु उद्योगों का केंद्र माना जाता है। अगर राज्य में मिनी टूल रूम स्थापित करने की योजना अमल में आ जाती है, तो उड़ीसा में इंजीनियरिंग उपकरणों की बढ़ती मांग को आसानी से पूरा किया जा सकेगा।


इन रूमों के जरिये टूल बनाने की ट्रेनिंग भी दी जा सकेगी। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में पहले से भी एक टूल रूम ‘द सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’ (सीटीटीसी) मौजूद है। हालांकि यह सेंटर ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए पर्याप्त नहीं है।


सीटीटीसी की स्थापना डेनमार्क सरकार के सहयोग से की गई थी, लेकिन अब इसका स्वामित्व और प्रबंधन पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथ में है। सीटीटीसी उच्च तकनीक वाले उपकरणों की खरीद के अलावा छोटे उद्योगों के लिए मशीनें मुहैया कराने और टूल इंजीनयिरंग की ट्रेनिंग देने का काम भी करती है।राज्य के लघु उद्योगों की बढ़ती मांग और टूल रूम में ट्रेनिंग प्राप्त करने के इच्छुक उम्मीदवारों के दबाव के मद्देनजर केंद्र सरकार सीटीटीसी का एक एक्सटेंशन काउंटर भी खोलने की योजना बना रही है।


इस सेक्टर में ट्रेनिंग लेने वाले उम्मीदवारों में स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले, मैट्रिक पास और इंजीनियरिंग में डिप्लोमा व डिग्री ले चुके छात्र भी शामिल होते हैं। नियमों के मुताबिक, एक्सटेंशन काउंटर के तहत मशीनों की खरीद के लिए केंद्र सरकार अनुदान देगी, जबकि इस बाबत बिल्डिंग के लिए राज्य सरकार जमीन मुहैया कराएगी। 


उड़ीसा सीटीटीसी के जनरल मैनेजर सिबासिस मैती ने बताया कि एक्सटेंशन काउंटर की स्थापना के लिए 9 एकड़ अतिरिक्त जमीन की जरूरत होगी। जमीन की मंजूरी के लिए की जा रही कार्रवाई अपने अंतिम चरण में है। इस प्रोजेक्ट के तहत जमीन और मकान के लिए 3 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है।


भुवनेश्वर स्थित सीटीटीसी संस्थान में फिलहाल 22 कोर्स चलाए जाते हैं, जिनमें कुल 1200 छात्र हैं। यह संस्थान 12.9 एकड़ में फैला हुआ है। संस्थान को आधुनिकीकरण के लिए केंद्र सरकार हर साल 3 करोड़ रुपये की मदद देती है। बाकी खर्चों का प्रबंधन कोर्स फीस से प्राप्त होने वाले राशि के जरिये किया जाता है। एक्सटेंशन काउंटर के खुल जाने से सीटीटीसी कुल 4,500 छात्रों को ट्रेनिंग देने में सक्षम हो जाएगी। 


फिलहाल देश में 11 मिनी टूल रूम हैं और केंद्र सरकार का पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) योजना के जरिये 10 और ऐसे टूल रूम बनाने का प्रस्ताव है। हाल में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी द्वारा कई और मिनी टूल रूम बनाने का प्रस्ताव नैशनल मैन्युफैक्टरिंग कॉम्पिटिटिव काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर किया गया।


इस कमिटी की स्थापना औद्योगिक प्रतिस्पर्धा (खासकर लघु एवं उद्योग सेक्टर) को बढ़ावा देने के मकसद से की गई थी।  मैती ने बताया कि एमएमएसएमई सेक्टर में टूल की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा टूल इंजीनियरिंग क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों का भी घोर अभाव है।

First Published - May 1, 2008 | 11:02 PM IST

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