Skip to content
  गुरूवार 8 जून 2023
Trending
June 7, 2023हेड के शतक और स्मिथ की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत बड़े स्कोर की ओर आस्ट्रेलियाJune 7, 2023PM Modi की माँ हीराबेन पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को आमंत्रणJune 7, 202335 फीसदी गुलाबी नोट पहुंचे बैंक, 2 हजार का नोट जमा कराने में ये तीन राज्य सबसे आगेJune 7, 2023Editorial: नई तकनीक से लैस दुनिया कर रही इंतजारJune 7, 2023OECD ने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6 फीसदी कियाJune 7, 2023चतुराई और सही कदम के बीच चयन, जीवन में क्या करना बेहतर ?June 7, 2023क्षमता वृद्धि: सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजनाJune 7, 2023अगली तिमाही में बैंकों के कर्ज को मिलेगी गति: NBFCJune 7, 2023Allcargo की कंपनी लॉजिस्टिक पार्कों में अपनी हिस्सेदारी 400 करोड़ रुपये में बेचेगीJune 7, 2023कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ शीर्ष अदालत जाएगा गेम्सक्राफ्ट मामला
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  आज का अखबार  प्रतिस्पर्द्धा कानून में जुर्माने का आधार
आज का अखबारलेख

प्रतिस्पर्द्धा कानून में जुर्माने का आधार

एम एस साहूएम एस साहू—May 17, 2023 11:34 PM IST
© Illustration by Binay Sinha
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को प्रतिस्पर्द्धा को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से सुरक्षित रखना है। यह कानून प्रतिस्पर्द्धा रोधी समझौतों और बाजार या कारोबार में किसी को उसके प्रभुत्व का बेजा इस्तेमाल करने से रोकता है। इस कानून में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) को ऐसे प्रत्येक व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया है जो किसी अनुचित कारोबारी व्यवहार या ऐसे किसी समझौते में संलिप्त रहा है।

सीसीआई पिछले तीन वित्त वर्षों के औसत राजस्व (टर्नओवर) का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगा सकता है। इस अधिनियम में राजस्व को वस्तुओं एवं सेवा की बिक्री से प्राप्त मूल्य के रूप में परिभाषित किया गया है। सीसीआई पहले दोषी व्यक्ति पर ‘कुल’ राजस्व के आधार पर मगर 10 प्रतिशत की सीमा में जुर्माना लगाया करता था।

एक्सल कॉर्प केयर मामले में सीसीआई ने कुल राजस्व का 9 प्रतिशत जुर्माना लगा दिया था। चूंकि, कानून में यह स्पष्ट नहीं था कि राजस्व उत्पाद या व्यक्ति से जुड़ा है इसलिए सर्वोच्च न्यायालय ने 2017 में इस मामले में की गई अपील पर सुनवाई के बाद जुर्माना लगाए जाने के लिए ‘संबद्ध’ राजस्व का प्रावधान दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ‘संबद्ध’ राजस्व संबंधित व्यक्ति का राजस्व है जो प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन से प्रभावित उत्पाद एवं सेवाओं से प्राप्त हुआ है।

न्यायालय ने इसके लिए दो सिद्धांतों का हवाला दिया। इनमें पहला सिद्धांत सख्त व्याख्या का था। इसके अंतर्गत अगर दो व्याख्या संभव हैं तो इनमें जो नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के पक्ष में दिखती है उसे अपनाया जाना चाहिए। दूसरा सिद्धांत आनुपातिकता का था। इसके अंतर्गत दंड नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति द्वारा पहुंचाई गई हानि के बराबर होना चाहिए।

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के बीच आपसी सांठगांठ के आरोप से जुड़े मामले में सीसीआई ने परिस्थितियों पर विचार करने के बाद राजस्व का दो प्रतिशत जुर्माना लगा दिया। इस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई के दौरान अपील न्यायाधिकरण ने संबद्ध राजस्व के आधार पर जुर्माने की गणना की थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्राप्त सकल प्रीमियम के आधार पर जुर्माना तय किया।

प्रतिस्पर्द्धा (संशोधन) अधिनियम, 2023 में जुर्माने का निर्धारण करने के लिए ‘वैश्विक’ राजस्व (संबंधित व्यक्ति द्वारा सभी उत्पाद एवं सेवाओं की बिक्री से प्राप्त राजस्व) को आधार बनाया गया है। यह संशोधन 22 मई, 2023 को प्रभावी हुआ है। इसमें प्रावधान है कि निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की उपयुक्त रकम का निर्धारण करने के लिए सीसीआई को दिशानिर्देश प्रकाशित करने होंगे।

इसमें इस बात का भी जिक्र है कि सीसीआई को जुर्माना लगाने के लिए इन प्रावधानों पर विचार करना होगा और किसी तरह के बदलाव की स्थिति में कारण स्पष्ट करना होगा। पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त संशोधन से जुर्माना लगाने की प्रक्रिया अस्त-व्यस्त हो गई है या कम से कम यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के विपरीत है। संबद्ध राजस्व के पक्ष में उच्चतम न्यायालय के निर्देश दो सिद्धांतों से प्रभावित थे। मगर संशोधन के बाद ये दोनों सिद्धांत प्रभावी नहीं रह गए हैं।

चूंकि, संशोधित कानून में एक से अधिक व्याख्या का प्रावधान नहीं है इसलिए सख्त व्याख्या के सिद्धांत के उपयोग की आवश्यकता नहीं रह गई है। हालांकि, संशोधित अधिनियम में आनुपातिकता सुनिश्चित करने के लिए तीन प्रावधान दिए गए हैं। पहला प्रावधान यह है कि जुर्माना अपराध की गंभीरता के आधार पर ‘वैश्विक’ राजस्व का शून्य से 10 प्रतिशत तक हो सकता है। दूसरा प्रावधान यह है कि तय दिशानिर्देश जुर्माने की उपयुक्त रकम के निर्धारण में मदद करेंगे।

तीसरा प्रावधान यह है कि दिशानिर्देशों से इतर जुर्माना लगाए जाने का आदेश आने पर इसका कारण भी बताना होगा। दुनिया के अधिकांश देशों में ज्यादातर प्रतिस्पर्द्धा नियामकों के पास जुर्माने को राजस्व से जोड़ने का अधिकार है। जुर्माना निर्धारित करने के लिए ‘वैश्विक’ राजस्व को आधार बनाने के कई लाभ हैं। सबसे पहली बात तो कई ऐसी परिस्थितियां होती हैं जहां जुर्माना लगाने के लिए संबद्ध राजस्व को आधार बनाना मुश्किल होता है।

इसका एक उदाहरण हब ऐंड स्पोक (एक केंद्र से विभिन्न जगहों तक वस्तुएं पहुंचाने की व्यवस्था) समझौता है जिसे संशोधित अ​धिनियम गैर-प्रतिस्पर्धी मानता है। हब (केंद्र) अमूमन स्पोक की तरह एक ही कारोबार में नहीं लगा रहता है। इसका राजस्व शून्य होता है इसलिए ऐसे राजस्व पर जुर्माना भी शून्य ही होगा। इससे हब अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर सकते हैं। दूसरा लाभ यह है कि संबद्ध राजस्व का निर्धारण करना प्रायः पेचीदा एवं सटीक नहीं होता है। स्वास्थ्य बीमा में किसी कंपनी द्वारा अपने दबदबे का बेजा इस्तेमाल का उदाहरण इसे स्पष्ट करता है।

क्या स्वास्थ्य बीमा, समूह स्वास्थ्य बीमा, विकलांग व्यक्तियों के लिए समूह स्वास्थ्य बीमा, किसी खास विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए समूह स्वास्थ्य बीमा और सरकारी योजना के तहत किसी खास विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए समूह स्वास्थ्य बीमा के मामले में संबद्ध राजस्व का निर्धारण किया जा सकता है? नियमों का उल्लंघन कर चुका व्यक्ति अपने उत्पाद के लिए सीमित परिभाषा तय करने के पक्ष में तर्क देगा जिससे संबद्ध राजस्व न के बराबर रह जाएगा। प्रतिस्पर्द्धा प्राधिकरण इसके विपरीत तर्क पर चलेगा। इससे मामला कानूनी विवाद में उलझ जाएगा।

जुर्माना निर्धारित करने के लिए ‘वैश्विक’ राजस्व को आधार बनाए जाने के दो मूल कारण हैं। पहला कारण यह है कि कोई कानून उतना ही अच्छा माना जाता है जितना उसका क्रियान्वयन होता है। कानून लागू किए जाने के बाद इसका प्रभाव दोषी व्यक्ति को हिरासत में लेने और उसके दोषी साबित होने की संभावना और प्रतिबंध या दंड के स्तर पर निर्भर करता है।

दोषी साबित होने की संभावना अधिक होगी तो कम प्रतिबंध लगाने से भी अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकता है। हालांकि, आर्थिक विधान जैसे प्रतिस्पर्द्धा कानून में दोषी साबित होने की संभावना कम होती है क्योंकि यह तर्क के सिद्धांतों पर निर्भर रहता है। लिहाजा, प्रतिबंध का स्तर ऊंचा अवश्य होना चाहिए। इसके लिए जुर्माना लगाने के लिए ‘वैश्विक’ राजस्व को आधार बनाना ही उचित होगा।

दूसरा कारण यह है कि प्रतिस्पर्धा कानून बाजार की त्रुटियों एवं इसकी विफलताओं (संसाधनों का त्रुटिपूर्ण वितरण) को दुरुस्त करता है। आइए, हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था के साथ शुरुआत करते हैं जो संतुलन की स्थिति में है। अगर कोई व्यक्ति बाजार में अपनी शक्ति का उपयोग किसी वस्तु (चाहे इसकी परिभाषा कितने ही सीमित दायरे में क्यों नहीं हो) के मूल्य या उसकी गुणवत्ता को प्रभावित (चाहे कुछ हद तक ही क्यों नहीं) करने के लिए करता है तो इससे संसाधनों के पुनर्आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

अगर इससे किसी वस्तु ‘ए’ का मूल्य बढ़ता है तो संसाधन ‘बी’ के उत्पादन से निकलकर ‘ए’ के उत्पादन में लग जाते हैं। यह बाजार में ‘बी’ की आपूर्ति घटा देता है इससे इसकी कीमत बढ़ जाती है। इसके बाद संसाधन ‘सी’ के उत्पादन से ‘बी’ के उत्पादन की तरफ बढ़ते हैं। बदलाव का यह दौर विभिन्न उत्पादों एवं क्षेत्रों में संसाधन ले जाता है।

इस प्रक्रिया में कई उद्यम बरबाद हो जाते हैं और संभवतः नए उद्यम बनते हैं। इसके बाद एक संतुलन की एक नई स्थिति बनती है जो शुरुआती संतुलन से अलग होता है। यह अंतर संसाधनों का त्रुटिपूर्ण आवंटन होता है जिससे पूरी अर्थव्यवस्था जूझती है। इस तरह, कानूनों का उल्लंघन केवल संबंधित उत्पाद एवं सेवाओं तक ही सीमित नहीं रहता है।

बाजार में अपने दबदबे का इस्तेमाल एक तरह से अपराध है। यह सक्षम कंपनियों को बरबाद करता है और बाजार की विफलता का कारण बनता है। इस अपराध के लिए कठोर दंड दिया जाना चाहिए। बाजार में अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल करने वाली इकाई पर जुर्माने का आधार उसका ‘वैश्विक’ राजस्व होना चाहिए।

(साहू प्रति​ष्ठित प्राध्यापक हैं और लट्टू राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली में एलएलबी के पांचवें वर्ष के छात्र हैं)

FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

PM Modi की माँ हीराबेन पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को आमंत्रण

June 7, 2023 11:37 PM IST
अर्थव्यवस्था

35 फीसदी गुलाबी नोट पहुंचे बैंक, 2 हजार का नोट जमा कराने में ये तीन राज्य सबसे आगे

June 7, 2023 11:30 PM IST
आज का अखबार

Editorial: नई तकनीक से लैस दुनिया कर रही इंतजार

June 7, 2023 11:20 PM IST
अर्थव्यवस्था

OECD ने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6 फीसदी किया

June 7, 2023 11:14 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका Air India की उड़ान को रूस में उतारे जाने के मामले पर करीबी नजर रख रहा

June 7, 2023 10:59 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

Global Economy: वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर, इस साल वृद्धि दर में बड़ी गिरावट की आशंका

June 6, 2023 9:43 PM IST
आपका पैसा

HRA Claim: माता-पिता के साथ रहने पर भी कर सकते है हाउस रेंट अलाउंस का दावा, आसान शब्दों में जानिए पूरा प्रोसेस

June 6, 2023 5:47 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

BBC Income Tax Case: ब्रिटेन के सरकारी मीडिया ने कबूला, भारत में चुकाया कम टैक्स 

June 6, 2023 5:05 PM IST
आपका पैसा

EPFO Equity Investments: ईपीएफओ की स्टॉक मार्केट में निवेश बढ़ाने की योजना, वित्त मंत्रालय से जल्द ली जायेगी मंजूरी

June 6, 2023 4:37 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

ईरान ने अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच हाइपरसोनिक मिसाइल निर्माण का किया दावा

June 6, 2023 3:31 PM IST

Trending Topics


  • Stock Market Live Updates
  • Stock Market Today
  • Stocks to Watch Today
  • Ind vs Aus WTC Final 2023
  • Rupee vs Dollar
  • Gold-Silver Price
  • Adani Groups Shares
  • Petrol-Diesel Price
  • Odisha Train Accident
  • RBI Repo Rate

सबकी नजर


हेड के शतक और स्मिथ की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत बड़े स्कोर की ओर आस्ट्रेलिया

June 7, 2023 11:50 PM IST

PM Modi की माँ हीराबेन पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को आमंत्रण

June 7, 2023 11:37 PM IST

35 फीसदी गुलाबी नोट पहुंचे बैंक, 2 हजार का नोट जमा कराने में ये तीन राज्य सबसे आगे

June 7, 2023 11:30 PM IST

Editorial: नई तकनीक से लैस दुनिया कर रही इंतजार

June 7, 2023 11:20 PM IST

OECD ने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6 फीसदी किया

June 7, 2023 11:14 PM IST

Latest News


  • हेड के शतक और स्मिथ की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत बड़े स्कोर की ओर आस्ट्रेलियाJune 7, 2023
  • PM Modi की माँ हीराबेन पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को आमंत्रणJune 7, 2023
  • 35 फीसदी गुलाबी नोट पहुंचे बैंक, 2 हजार का नोट जमा कराने में ये तीन राज्य सबसे आगेJune 7, 2023
  • Editorial: नई तकनीक से लैस दुनिया कर रही इंतजारJune 7, 2023
  • OECD ने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6 फीसदी कियाJune 7, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60431.00 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60431
380.06%
निफ्टी60431
380%
सीएनएक्स 50014954
130.08%
रुपया-डॉलर82.05
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.6017.08
IDBI Bank51.679.66
Guj. Ambuja Exp265.707.51
Welspun India80.936.40
Chola Financial600.304.48
Graphite India278.304.43
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.2017.07
F A C T320.8012.40
IDBI Bank51.709.77
Guj. Ambuja Exp265.557.66
Welspun India81.156.64
Ingersoll-Rand2763.055.53
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stock Market Live UpdatesStock Market TodayStocks to Watch TodayInd vs Aus WTC Final 2023Rupee vs DollarGold-Silver PriceAdani Groups SharesPetrol-Diesel PriceOdisha Train AccidentRBI Repo Rate
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us