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ड्रैगन के आने से थोड़ी-सी खुशी, थोड़ा-सा गम

Last Updated- December 06, 2022 | 1:03 AM IST

चीन में इस साल होने वाले ओलंपिक खेल गुजरात के रसायन और डाइ से जुड़े लघु उद्योगों के लिए अच्छी और बुरी खबर दोनों संग लेकर आए हैं।


दरअसल, हुआ ऐसा है कि ओलंपिक खेलों की वजह से चीनी सरकार ने उत्तरी चीन में प्रदूषण फैला रहे कई करखानों को अपना बोरिया बिस्तर समेट कर मध्य चीन जाने का आदेश दे दिया है। इसलिए कई कंपनियां अब भारत में अपना ठिकाना बनाने की जुगत में लग गईं हैं। इस काम के लिए गुजरात उन्हें सबसे ज्यादा भा रहा है।


इसमें अच्छी खबर यह है कि या तो चीन से अब यहां कच्चा माल काफी सस्ते में आ जाएगा या फिर वे देसी कच्चे माल से ही काम चला लेंगे। साथ ही, चीनी तकनीक का फायदा स्थानीय ईकाइयों को भी मिलेगा। अब बुरी खबर है चीनी कंपनियों से भारतीय कंपनियों का वही पुराना डर।


उन्हें डर है कि चीनी काफी बड़ी मात्रा में प्रोडक्शन करने लगेंगे, जिससे उनका उद्योग-धंधा चौपट हो जाएगा। गुजरात केमिकल एसोसिएशन के सदस्य और मेघमणि ऑरगैनिक्स के निदेशक नातूभाई पटेल का है कि,’चीन के केमिकल कारखानों के सामने आजकल एक अजीब सी दिक्कत है।


मध्य चीन में बुनियादी ढांचा ठीक तरीके से विकसित नहीं हुआ है और उस इलाके पहुंचना भी काफी मुश्किल काम है। साथ ही, निजीकरण की वजह से वहां के उद्योग धंधों की हालत और पतली हो गई है। पहले वहां की सरकार उन उद्योगों की वित्तीय मदद किया करती थी, लेकिन अब उन्हें 12-14 फीसदी के मोटे ब्याज दर पर लोगों से कर्ज लेना पड़ता है।’ खुद नातूभाई चीन से कच्चे माल का आयात करते हैं। वैसे, लघु उद्योग इन कारखानों के आगमन से काफी डरे हुए हैं।

First Published - May 1, 2008 | 11:00 PM IST

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