नई नौकरी, बढ़ती सैलरी और जिंदगी के सपनों से भरे 20s साल ज़्यादातर युवाओं के लिए बेहद खास होते हैं। लेकिन यही वो दौर है जब सही वित्तीय आदतें बनाई जाएं तो पूरी ज़िंदगी बदल सकती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर इस उम्र में समझदारी दिखाई जाए तो आने वाले सालों में आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करना आसान हो जाता है।
The Richness Academy के फाउंडर और सर्टिफाइड फाइनेंस प्लानर तारेश भाटिया कहते हैं, आपके पास सबसे बड़ी पूंजी है समय। इस उम्र में अगर शेयर, म्युचुअल फंड या किसी छोटे बिजनेस में निवेश कर रिस्क लिया भी तो नुकसान की भरपाई करने का पर्याप्त समय होता है। हां, रिस्क का मतलब लापरवाही नहीं बल्कि रिसर्च और प्लानिंग के बाद उठाया गया कदम है।
आज की दुनिया में नौकरी सुरक्षित नहीं। एआई, मंदी और महंगाई किसी भी वक्त करियर को हिला सकती है। वह कहते हैं, इसलिए साइड हसल या पैसिव इनकम होना जरूरी है। इससे पैसे भी बढ़ते हैं और नए मौके भी मिलते हैं।
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सैलरी बढ़ते ही लाइफस्टाइल अपग्रेड करने का लालच सबसे बड़ी गलती है। वह सलाह देते हैं कि 50-30-20 या भारतीय मॉडल 40:30:20:10 नियम अपनाकर और बचत को ऑटोमैटिक करके खर्चों पर कंट्रोल पाया जा सकता है। सच्ची दौलत खर्च बढ़ाने में नहीं, बल्कि पैसों को खर्च के मुकाबले तेजी से बढ़ाने में है।
पहली बार का नुकसान हार नहीं, बल्कि सीख है। तारेश कहते हैं कि इसे ‘ट्यूशन फीस’ मानें और फिर से SIP, डाइवर्सिफिकेशन और डिसिप्लिन से शुरुआत करें। यही प्रक्रिया आपको मजबूत निवेशक बनाती है।
वह आगे बताते हैं, अगर आप 20s में सिर्फ ₹5,000 की SIP भी शुरू कर देते हैं तो रिटायरमेंट तक करोड़ों का फंड बना सकते हैं। छोटी शुरुआत भी कंपाउंडिंग की ताकत से बड़ी दौलत में बदल जाती है।
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तारेश के अनुसार, पैसे को सिर्फ बचाने के लिए नहीं बल्कि अपने सपनों से जोड़कर निवेश करना चाहिए। चाहे वो घर खरीदना हो, यात्रा करना हो या बिजनेस शुरू करना। जब निवेश लाइफ गोल से जुड़ता है, तो आप समझदारी से खर्च करते हैं और खुशी से बचत करते हैं।
प्रकार | कुल निवेश | 12% रिटर्न पर फंड वैल्यू | 13% रिटर्न पर फंड वैल्यू |
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साधारण SIP (फ्लैट ₹25,000) | ₹60,00,000 | ₹2,29,96,434 (₹2.30 करोड़) | ₹2,59,62,129 (₹2.60 करोड़) |
Step-Up SIP (हर साल 10% बढ़ोतरी) | ₹1,71,82,500 | ₹4,65,78,457 (₹4.66 करोड़) | ₹5,12,69,736 (₹5.13 करोड़) |
तारेश बताते हैं, साधारण SIP से भी दौलत बनती है, लेकिन अगर हर साल ₹500–₹1,000 बढ़ाते जाएं तो 20–25 साल में यह कई गुना बढ़कर करोड़ों का कॉर्पस बन सकता है। सैलरी बढ़ने के साथ बचत भी बढ़ती है, जिससे लाइफस्टाइल इंफ्लेशन पर भी लगाम लगती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट सुशील जैन से बातचीत पर आधारित है। बाजार से जुड़े इंस्ट्रूमेंट जोखिम के अधीन हैं। इसलिए निवेश या निवेश संबंधी फैसले लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से संपर्क करें।